सरकार ने सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन के लिए बहुत ही अच्छी पहल की शुरुआत करने की योजना बना रही है. सरकार स्कूलों के माध्यम से 9 से 14 वर्ष की आयु की लड़कियों के लिए सर्वाइकल कैंसर के टीके उपलब्ध कराएगी. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को सूचित किया है, जबकि उन्हें प्रत्येक जिले में 5वीं से 10वीं कक्षा में नामांकित लड़कियों की संख्या का मिलान शुरू करने के लिए कहा है.
अगले साल भारत आ जाएगी दवा
सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV)CERVAVAC वैक्सीन अगले साल अप्रैल तक भारत में आ सकती है. भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने स्वदेशी एचपीवी टीके के निर्माण के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को बाजार प्राधिकरण प्रदान किया है. केंद्र ने "टीकाकरण के लिए स्कूलों में एचपीवी टीकाकरण केंद्र" स्थापित करने के उपाय करने की योजना बनाई है. इसके अलावा स्कूलों में माता-पिता को जागरूक करने के लिए पेरैंट्स टीचर मीटिंग रखी जाएगी. वहीं सरकारी और निजी स्कूल प्रबंधन बोर्डों के साथ समन्वय भी रखेंगे.
स्कूल शिक्षा और साक्षरता मंत्रालय के सचिव संजय कुमार और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि सर्वाइकल कैंसर एक रोके जाने योग्य और इलाज योग्य बीमारी है. अगर इसका पता जल्दी चल जाए तो इसका इलाज संभव है. उन्होंने कहा, "ज्यादातर सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) से जुड़े होते हैं और एचपीवी वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर के ज्यादातर मामलों को रोक सकता है, अगर वैक्सीन लड़कियों या महिलाओं के वायरस के संपर्क में आने से पहले दी जाती है."
हर साल होती हैं 80 हजार मौतें
इसके अलावा, टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) ने यूनिवर्सल इम्यूनिटाइजेशन प्रोग्राम (UIP) में HPV वैक्सीन की शुरुआत की सिफारिश की है, जिसमें 9 से 14 वर्षीय किशोर लड़कियों के लिए एक बार कैच-अप के बाद नियमित परिचय 9 साल में दिया जाता है. हाल ही में, कोविड वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने कहा कि भारत में हर साल सर्वाइकल कैंसर के लगभग 80,000 मामले सामने आते हैं.
उन्होंने कहा, "पिछले 24 घंटों के दौरान, हमारे देश में सर्वाइकल कैंसर के कारण 95-100 महिलाओं की मौत हुई है. दुनिया में सर्वाइकल कैंसर से सबसे ज्यादा मौतें भारत में होती हैं. दुनियाभर में हर साल लगभग 80,000 मामले सामने आते हैं." डॉ अरोरा ने कहा कि 35 साल की उम्र के बाद महिलाओं की स्क्रीनिंग भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सर्वाइकल कैंसर का अगर जल्दी पता चल जाए तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी इसका इलाज किया जा सकता है. दक्षिण एशियाई देशों के कुल मिलाकर 250 प्रतिनिधि वर्तमान में 50 देशों में सर्वाइकल कैंसर, एचपीवी रोकथाम परिदृश्य और आगे बढ़ने के तरीकों के बारे में बैठकों में भाग ले रहे हैं.