पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन तैयार की है. इस वैक्सीन को DCGI की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने बाजार में लाने की सिफारिश की है. बताया जा रहा है कि इस वैक्सीन को CERVAVAC नाम दिया जाएगा. और इस साल के अंत तक यह वैक्सीन बाजार में उपलब्ध करा दी जाएगी.
आपको बता दें कि भारत में महिलाओं को स्तन कैंसर के बाद दूसरा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर सर्वाइकल कैंसर है. विश्व स्तर की बात करें तो यह चौथे स्थान पर आता है. हर साल भारत में सर्वाइकल कैंसर के लगभग 90 हजार मामले सामने आते हैं. चिंता की बात यह है कि आज भी बहुत से लोगों को इस कैंसर के बारे में कोई जागरूकता नहीं है.
क्या है सर्वाइकल कैंसर
सर्वाइकल कैंसर, सर्विक्स में होता है. आपको बता दें कि सर्विक्स महिलाओं के गर्भाशय का निचला हिस्सा होता है जो गर्भाशय को वैजाइना से जोड़ता है. यह कैंसर बच्चेदानी का कैंसर भी कहलाता है. इसमें सर्विक्स की कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि होने लगती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, लगभग 42 देशों में लाखों महिलाओं का जान जाने का कारण सर्वाइकल कैंसर है.
किस कारण से होता है सर्वाइकल कैंसर
अब सवाल है कि आखिर इस कैंसर के होने का क्या कारण है. बताया जाता है कि सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण के कारण होता है. इस वायरस के 100 से अधिक प्रकार हैं और यह वायरस समुह दुनियाभर में बहुत आम है. HPV समुह के लगभग 14 प्रकार इस तरह के घातक कैंसर का कारण बनते हैं.
क्या हैं लक्षण
सर्वाइकल कैंसर के जानलेवा होने की एक बड़ी वजह है कि अक्सर महिलाएं इसके लक्षण नहीं समझ पाती हैं. और सामान्य महावारी से इन्हें जोड़ती हैं. जिस कारण समय पर जांच नहीं हो पाती है और यह कैंसर बढ़ जाता है. इसलिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आपको इसके लक्षणों के बारे में पता हो और आप जरा सा संदेह होने पर इसकी जांच कराएं.
सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों में शामिल है-
अगर आपको खुद में या किसी और में इस तरह के लक्षण दिखते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर को कंसल्ट करना चाहिए.
बचाव के लिए समय पर कराएं Pap Smear Test
सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए पैप स्मीयर टेस्ट किया जाता है. इस टेस्ट में सर्विक्स के कुछ सेल्स लेकर लैब में टेस्ट के लिए भेजे जाते हैं. जिसमें पता चलता है कि आपको कैंसर है या हो सकता है. सर्वाइकल कैंसर के अलावा HPV संक्रमण की जांच के लिए भी पैप स्मीयर टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है. ताकि इसका समय पर इलाज करके इसके संक्रमण को रोका जा सके.
डॉक्टर सलाह देते हैं कि 21 साल की उम्र से अधिक की महिलाओं को हर 3 साल के अंतराल पर यह टेस्ट कराना चाहिए. अगर टेस्ट में पता चलता है कि आपको कैंसर है या हो सकता है तो डॉक्टर कॉल्पोस्कोपी (Colposopy) कराने की सलाह देते हैं. जिससे पता चल सके कि कैंसर किस स्टेज पर है.
क्या हैं इलाज के तरीके
समय पर ट्रीटमेंट शुरू होने से महिलाओं की जान बचाई जा सकती है. सर्वाइकल कैंसर किस स्टेज पर है इसके आधार पर सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी या कीमोथेरेपी के जरिए इस कैंसर को खत्म किया जाता है. कई बार तीनों तरीके इलाज में अपनाए जाते हैं. हालांकि, वैक्सीन आने से इसके खतरे को एकदम कम किया जा सकता है.
बताया जा रहा है कि लड़के और लड़कियों को कम उम्र में ही यह वैक्सीन दी जा सकती है. जिससे उन्हें HPV संक्रमण होने का खतरा न रहे. और ऐसे में, स्वदेशी वैक्सीन का उपलब्ध होना लाखों महिलाओं का जान बचा सकता है.
(डिस्कलेमर: यह लेख पहले से उपलब्ध जानकारी के आधार पर लिखा गया है. अगर आप इस बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं तो किसी एक्सपर्ट से कंसल्ट कर सकते हैं.)