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Chandipura Virus: गुजरात के बाद राजस्थान में फैला चांदीपुरा वायरस कितना खतरनाक, बच्चों को बना रहा ज्यादा शिकार, जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय 

Chandipura Virus सीधे मस्तिष्क पर हमला करता है. इस वायरस की चपेट में आने वाले लोगों में पहले सामान्य वायरस की तरह बुखार-सिरदर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. यह वायरस अधिकत बच्चों को अपनी चपेट में लेता है. यदि समय पर इलाज न मिले तो मरीज की मौत भी हो सकती है.

Virus (Symbolic Photo) Virus (Symbolic Photo)
हाइलाइट्स
  • महाराष्ट्र के नागपुर जिले स्थित चांदीपुरा गांव में सबसे पहले फैला था यह वायरस

  • बारिश के समय कीट, पतंग, मच्छर और मक्खियों से फैलता है चांदीपुरा वायरस 

कोरोना महामारी के बाद इन दिनों एक और वायरस देश में लोगों की जान ले रहा है. इस नए वायरस का नाम चांदीपुरा है. यह वायरस गुजरात के बाद राजस्थान में अपना पांव पसार रहा है. यह अधिकतर बच्चों को अपना शिकार बना रहा है.

इस वायरस की चपेट में आने वाले लोगों में बुखार और फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. यह वायरस सीधा दिमाग पर असर डालता है. यदि मरीज को समय पर इलाज न मिले तो मौत भी हो सकती है. आइए इस चांदीपुरा वायरस के लक्षण और बचाव के उपाय के बारे में जानते हैं. 

क्या है चांदीपुरा वायरस
चांदीपुरा वायरस रबडोविरिडे फैमिली का एक आरएनए (RNA) वायरस है. यह सबसे ज्यादा मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी से फैलता है. इसके फैलने के पीछे मच्छर में पाए जाने वाले एडीज जिम्मेदार हैं. यह वायरस अधिकतर 9 महीने से 14 साल तक के बच्चों को प्रभावित करता है. ग्रामीण इलाकों में इसका प्रकोप अधिक देखने को मिलता है. चांदीपुरा वायरस से पीड़ित व्यक्ति के इलाज के लिए अभी तक कोई एंटी वायरल दवा नहीं बनाई जा सकी है.

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कैसे पड़ा चांदीपुरा नाम 
महाराष्ट्र के नागपुर जिले स्थित चांदीपुरा गांव में साल 1966 में एक संक्रमण फैला था. इस संक्रमण की चपेट में कई बच्चे आ गए थे. इस वायरस से कुछ बच्चों की जान तक चली गई थी. नागपुर के चांदीपुरा में इस वायरस की पहचान हुई थी, इसलिए इसका नाम चांदीपुरा वायरस पड़ गया. महाराष्ट्र के बाद चांदीपुरा वायरस को साल 2004 से 2006 और 2019 में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में रिपोर्ट किया गया था. 

चांदीपुरा वायरस के लक्षण
1. चांदीपुरा वायरस अधिकतर बारिश के समय कीट, पतंग, मच्छर और मक्खियों से फैलता है.
2. चांदीपुरा वायरस की चपेट में आने पर मरीज में सबसे पहले बुखार और फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. 
3. उल्टी-दस्त होने लगती है. सिरदर्द की शिकायत रहती है.
4. कई मरीजों को ऑटोइम्यून एन्फेलाइटिस यानी दिमाग में सूजन जैसी गंभीर समस्या भी हो सकती है.

बचाव के उपाय 
1. चांदीपुरा वायरस से बचने के लिए अपने आसपास साफ-सफाई विशेष ध्यान रखें. 
2. घर के आसपास पानी जमा नहीं होने दें. 
3. बच्चों को मच्छर और कीट-पतंग से बचाने के लिए फुल स्लीव्स के कपड़े पहनाएं. 
4. रात को सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.
5. बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न खाएं.

सीधे मस्तिष्क पर करता है हमला
चांदीपुरा वायरस सीधे मस्तिष्क पर हमला करता है. इस वायरस की चपेट में आने वाले बच्चों में पहले सामान्य वायरस की तरह बुखार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. बाद में अचानक बच्चे कोमा में चले जाते हैं. चांदीपुरा वायरस की खबर आने के बाद स्वास्थ्य एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं.

गुजरात के साबरकांठा और अरवल्ली जिले में चांदीपुरा वायरस की चपेट में आने से चार बच्चों की मौत का दावा किया जा रहा है. जिले के हिम्मतनगर के सिविल अस्पताल में इस वायरस से संक्रमित दो बच्चों का इलाज भी चल रहा है. सभी बच्चों के खून के सैंपल पुणे की राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजे गए हैं ताकि चांदीपुर वायरस के बारे में जांच की जा सके. राजस्थान स्थित उदयपुर के आदिवासी इलाके के दो बच्चों में भी इस वायरस के लक्षण मिले थे.