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Medicine Strip: केमिस्ट पूरी मेडिसिन स्ट्रिप लेने पर नहीं दे सकते जोर, जल्द आएगी छेद वाली पट्टी के साथ क्यूआर कोड वाली दवाइयां 

एक-दो गोली के लिए अब पूरी मेडिसिन स्ट्रिप लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसके लिए जल्द छेद वाली पट्टी के साथ क्यूआर कोड वाली दवाइयां आने वाली हैं. इसको लेकर केंद्र सरकार का उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय एक योजना पर काम कर रहा है.

मेडिसिन स्ट्रिप मेडिसिन स्ट्रिप
हाइलाइट्स
  • ग्राहकों पर होता है पूरी मेडिसिन स्ट्रिप खरीदने का जोर

  • दवाओं की पैकिंग के लिए होगी नई तकनीक

कई बार जब हम मेडिकल स्टोर जाते हैं तो केमिस्ट अक्सर हमें पूरा पत्ता थमा देता है. फिर चाहे हमें एक ही दवाई की जरूरत क्यों न हो. लेकिन अब इसी को बंद के लिए केंद्र सरकार का उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय एक योजना पर काम कर रहा है. इसके मुताबिक छेद वाली दवाई की पट्टी (Medicine Strip) तैयार की जाएगी. इसके हर हिस्से पर मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी की तारीख लिखी होगी. इससे ये फायदा होगा कि आपको ठीक उतनी ही गोलियां दी जाएंगी, जितनी आपको जरूरत होगी. इतना ही नहीं इस विषय को लेकर कई और विकल्प तलाशे जा रहे हैं. मेडिसिन स्ट्रिप पर क्यूआर कोड भी होगा. 

ग्राहकों पर होता है पूरी मेडिसिन स्ट्रिप खरीदने का जोर  

गौरतलब है कि केमिस्ट कई बार ग्राहकों पर टैबलेट या कैप्सूल की एक पूरी स्ट्रिप खरीदने के लिए जोर देता है. इसी से परेशान हो कर कई ग्राहकों ने इसकी शिकायतों की थी. इन सभी शिकायतों को देखते हुए ही केंद्र ने उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए एक समाधान खोजने की कोशिश की है. वे इसके लिए फार्मा इंडस्ट्री और एक्सपर्ट्स के साथ परामर्श कर रहा है. 

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) में पूरे बार को खरीदने पर जोर देने की शिकायतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. जिसको देखते हुए ही कंपनियों से बातचीत शुरू की गई. आने वाले समय में इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है.

दवाओं की पैकिंग के लिए होगी नई तकनीक

पीटीआई के अनुसार, मंत्रालय ने हाल ही में इस मामले पर फार्मा इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स के साथ चर्चा की थी. बैठक में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के शीर्ष अधिकारियों ने भी भाग लिया था. अधिकारियों ने इस दौरान कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा हुई और मंत्रालय ने सुझाव दिया कि दवाओं की पैकेजिंग के लिए नई तकनीकों की खोज की जानी चाहिए. जबरन दवा की एक पूरी स्ट्रिप खरीदने से न केवल मेडिकल बर्बादी होती है बल्कि ग्राहकों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ भी पड़ता है.

कुछ लोग कम मात्रा में खाते हैं दवाई 

विभाग को जो शिकायत मिली हैं उनमें कहा गया है कि कैसे केमिस्ट दस गोलियों या कैप्सूल की एक पूरी स्ट्रिप बेचने पर जोर देते है. और अगर उनसे कहा जाए की कम दवाई कम कीमत पर बेचें तो वे इससे  इनकार कर देते हैं. ऐसे मामले भी हैं जहां ट्रीटमेंट के लिए केवल 2 ही दिन या 1 दिन की ही दवाई चाहिए होती है.