28 आदिवासी परिवारों के हेल्थ चेकअप के लिए दो महिलाएं और उनकी टीम पैदल 10 किमी चलकर दुर्गम आदिवासी गांव पहुंची. रास्ते भर चेहरे पर एक थकान थी लेकिन, जैसे ही इस गांव में पहुंचकर लोगों के चेहरों पर खुशी देखी तो इनकी सारी थकान मानों इन्हीं चेहरों पर कही खो सी गई.
दरअसल, जिला प्रशासन बलरामपुर में घने जंगलों में स्थित आदिवासी बहुल दुर्गम गांवों में स्वास्थ्य शिविर चला रहा है. शिविर का संचालन स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त टीम द्वारा किया जा रहा है. इसी को लेकर दो महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने अपनी टीमों के साथ खड़ी इलाकों और पहाड़ी जंगलों से 10 किमी की दूरी तय की.
28 परिवारों की जांच के लिए तय किया 10 किमी पैदल सफर
सबाग ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले झालवासा तक पहुंचने के लिए लगभग 10 किलोमीटर के पहाड़ी और दुर्गम वन पथ से गुजरना पड़ता है. यहां लगभग 28 परिवार हैं, जिनमें से लगभग 20 विशेष पिछड़ी जनजातियों के हैं. वहीं, हेल्थ टीम में दो महिला स्वास्थ्य कर्मी हल्मी तिर्की और सुचिता सिंह शामिल थीं.
स्वास्थ्य कर्मी हल्मी तिर्की ने कहा- "मैं सबाग स्वास्थ्य केंद्र से एएनएम हूं. हम पहाड़ियों और जंगलों से गुजरते हुए यहां पहुंचे. हम लगभग 10 किमी पैदल चले. हम यहां स्वास्थ्य शिविर चला रहे हैं और यहां ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण करने आते हैं"
वहीं, बलरामपुर जिला कलेक्टर कुंदन कुमार ने महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता हल्मी और सुचिता सिंह दोनों के काम की सराहना की. उन्होंने कहा कि झलवासा गांव बेहद दूर है. यह 10 किलोमीटर का ट्रेक है. हल्मी और सुचिता सिंह ने वहां पहुंचकर और लोगों की जांच कर बहुत अच्छा काम किया.
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