उत्तरी चीन में बच्चों में निमोनिया (China pneumonia outbreak) जैसी बीमारी फैल रही है. इनसे उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है. जिसे देखते हुए भारत सरकार ने कुछ दिन पहले एडवाइजरी जारी की थी. एडवाइजरी में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल की तैयारियों की तुरंत समीक्षा करने की सलाह दी थी. अब केंद्र के अलावा राज्य सरकारों ने भी इस रहस्यमयी बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया है.
राजस्थान, कर्नाटक और उत्तराखंड में एडवाइजरी जारी
राजस्थान, कर्नाटक और उत्तराखंड सरकार ने अपने स्वास्थ्य सेवाओं को अलर्ट पर रखा है. ये एडवाइजरी केंद्र द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी सलाह के बाद आई है. इसमें कहा गया है, "इन्फ्लूएंजा और सर्दी के मौसम को देखते हुए इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है. भारत सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है और किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है."
इन लोगों को सावधान रहने की जरूरत
कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी के अनुसार, मौसमी फ्लू एक संक्रामक बीमारी है जो आम तौर पर पांच से सात दिनों तक रहती है. ये बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों और स्टेरॉयड जैसी लॉन्ग टर्म दवाएं लेने वाले लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है. उत्तराखंड और राजस्थान सरकार ने भी अलर्ट जारी कर अधिकारियों को राज्य में निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है. उत्तराखंड के तीन जिले-चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़-चीन के साथ सीमा साझा करते हैं.
क्या है इस बीमारी के लक्षण
इसके लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, अस्वस्थता, भूख न लगना, मांसपेशियों में दर्द, मतली, छींक आना और सूखी खांसी शामिल हैं. ये लक्षण करीब तीन सप्ताह तक रह सकते हैं.
क्या करें और क्या न करें
खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकें.
बार-बार हाथ धोएं
चेहरे को बेवजह छूने से बचें
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर फेस मास्क का प्रयोग करें.
बीमार लोगों से दूरी बनाए रखें.
बीमार होने पर घर पर रहें.
क्या है वॉकिंग निमोनिया
माइकोप्लाज्मा निमोनिया बैक्टीरिया आमतौर पर श्वसन तंत्र में हल्के संक्रमण का कारण बनता है. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, कभी-कभी, ये बैक्टीरिया गंभीर फेफड़ों के संक्रमण का कारण बन सकते हैं, जिसके लिए हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत भी पड़ सकती है. निमोनिया में आपके फेफड़ों में हवा की थैली बलगम और अन्य तरल पदार्थों से भर जाती है. लंग्स में सूजन आ जाती है और खांसी के साथ बलगम आता है. निमोनिया के हल्के मामले के लिए वॉकिंग निमोनिया टर्म इस्तेमाल में लाया जाता है. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क (खांसने या छींकने) में आने से यह बीमारी फैलती है.