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कोलन कैंसर का और सटीकता से लगेगा पता, भारत के पहले 5G-ड्रिवन, AI-गाइडेड कोलोनोस्कोपी का हुआ ट्रायल

भारत का पहला 5G ड्रिवन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) गाइडेड कोलोनोस्कोपी ट्रायल (5G-Driven, AI-Guided Colonoscopy) गुरुवार को हुआ. जिसे एयरटेल ने अपोलो हॉस्पिटल के साथ मिलकर किया. इसकी मदद से कोलन कैंसर का तेजी से और सटीकता से पता लगाया जा सकेगा. डॉक्टरों को रोगियों की देखभाल करने की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी.

India first 5G-driven AI-guided colonoscopy trial India first 5G-driven AI-guided colonoscopy trial
हाइलाइट्स
  • HealthNet Global, AWS और Avesha अन्य तीन कंपनियों ने इस ट्रायल में सहयोग किया

Airtel ने अपोलो हॉस्पिटल के साथ मिलकर भारत का पहला 5G ड्रिवन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) गाइडेड कोलोनोस्कोपी ट्रायल (5G-Driven, AI-Guided Colonoscopy) का परीक्षण किया. इस ट्रायल को एयरटेल ने गुरुवार को किया था. इस ट्रायल में एआई को लागू करके कोलन कैंसर का तेजी से और सटीकता से पता लगाया जा सके इसके लिए एयरटेल 5G टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया. HealthNet Global, AWS और Avesha अन्य तीन कंपनियों ने इस ट्रायल में सहयोग किया. 

एयरटेल बिजनेस के सीईओ और निदेशक अजय चितकारा ने एक बयान में कहा कि हेल्थकेयर 5G के लिए यह ट्रायल होना बेहद सराहनीय है.  Apollo Hospitals, AWS, HealthNet Global और Avesha के साथ इसपर काम करके खुश है. साथ ही बताया कि हम ऐसे कई और नए मामलों पर काम करेंगे जो देश में स्वास्थ्य सेवा को और बेहतर करने में मदद करेगें. 

ये मिलेगी मदद
कंपनी की तरफ से बताया गया कि एआई-असिस्टेंट कोलोनोस्कोपी पॉलीप डिटेक्शन ट्रायल की मदद से डॉक्टरों को रोगी की देखभाल की गुणवत्ता में सुधार करने में काफी मदद मिलेगा. साथ ही उन्हें बीमारी का सही तरीके से पता लगाने,उसपर काम करने और कमियों को कम करके पता लगाने की दरों की सटीकता में सुधार होगा. 

लोगों को कैंसर होने से बचाया जा सकेगा
अपोलो हॉस्पिटल्स की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी तरफ से इस ट्रायल पर कहा कि इससे डॉक्टरों के जरिए बीमारी का पता लगाने की क्षमता बढ़ेगी. साथ ही पॉलीप्स का जल्दी से पता लगाया जा सकेगा. जिससे लोगों को कैंसर होने से बचाया जा सकेगा. साथ ही कहा कि तकनीक को अपनाने में अपोलो हमेशा ही आगे रहा है ताकि हम स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहतर कर सके और रोगियों को और बेहतर तरीके से इलाज किया जा सके.