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दादी-नानी के ये घरेलू नुस्खे हैं रामबाण, डॉक्टर भी मानते हैं अचूक

हम सबकी दादी-नानी तबियत बिगड़ने पर ऐलोपथी दवा लेने की बजाए घरेलू नुस्खों को अपनाने और इन पर भरोसा करने की सलाह देती थीं. ये घरेलू नुस्खों को डॉक्टर भी मानते हैं और इन्हें अपनाने की सलाह भी देते हैं.

दादी-नानी के इन घरेलू नुस्खों को डॉक्टर भी मानते हैं अचूक दादी-नानी के इन घरेलू नुस्खों को डॉक्टर भी मानते हैं अचूक

घरेलू नुस्खे सभी आजमाते हैं, और ये मानते भी हैं कि ये नुस्खे फायदेमंद होते हैं. चाहे सर्दी-जुखाम होने पर तुलसी का काढ़ा या तुलसी की चाय पीना हो, या फिर चोट लगने पर हल्दी वाला दूध पीना हो, शहद और अदरक का इस्तेमाल भी खांसी की परेशानी को दूर करता है. ये कुछ ऐसे बेहद कॉमन घरेलू नुस्खे हैं जिनका इस्तेमाल हम सब सालों से करते आ रहे हैं और हम सबकी दादी-नानी भी तबीयत खराब होने पर तुरंत ऐलोपथी दवा लेने की बजाए इन नुस्खों को अपनाने और इन पर भरोसा करने की सलाह देती थीं, इन घरेलू नुस्खों को डॉक्टर भी मानते हैं डॉक्टर ये मानते हैं कि ये नुस्खे कारगर हैं, और इनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता. 

​इन घरेलू नुस्खों का नहीं है कोई साइड इफेक्ट

आम तौर पर अपनाएं जाने वाले  घरेलू नुस्खे जिसमें सिंपल चीजें जैसे- शहद, फल, नैचरल ऑइल और जड़ी बूटियों का इस्तेमाल होता है वे सर्दी-खांसी जैसी कॉमन बीमारियों को दूर कर सकते हैं और अच्छी बात ये है कि इनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है. धीरे-धीरे इन नुस्खों को लेकर लोगों के बीच भी जागरुकता बढ़ रही है और बहुत से घरेलू नुस्खे ऐसे भी हैं जिन्हें साइंस भी मानता है.  

पेटदर्द दूर करने के लिए नींबू के रस में सेंधा नमक डालकर पिएं

नैचरल मिनरल्स से भरपूर सेंधा नमक, नमक का सबसे प्योर फॉर्म है यह सफेद नमक से कई गुना बेहतर होता है और यह पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है.  ऐसे में सेंधा नमक को नींबू के रस के साथ मिलाकर पीने से गैस की परेशानी दूर होती है, सेंधा नमक पीने से डकार आते हैं और गैस पास करने में मदद मिलती है.  साथ ही अगर ब्लोटिंग यानी पेट फूलने की समस्या हो तो वो भी इस नुस्खे से दूर हो जाती है. लेकिन  हार्ट और ब्लड प्रेशर के मरीजों को इस नुस्खे को अपनाने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि ऐसे मरीजों को नमक कम खाने की सलाह दी जाती है. 

दर्द और बॉडी पेन दूर कर इम्यूनिटी बढ़ाता है हल्दी वाला दूध

दूध अपने आप में तमाम मर्जों की दवा है, दूध प्रोटीन का बेस्ट सोर्स है.अगर दूध में हल्दी मिला कर पिया जाए तो ऐंटी-इन्फ्लेमेट्री प्रॉपर्टीज होती हैं. जो मसल्स में सूजन और जलन में राहत दिलाती हैं। हल्दी में कर्क्यूमिन भी होता है जो की एक स्ट्रॉन्ग ऐंटिऑक्सिडेंट है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है.  हल्दी वाले दूध को आप इलाज का सब्सिट्यूट नहीं मान सकते.  अगर कोई ऐसी चोट या समस्या है जिसमें इलाज कराने और दवा खाने की जरूरत है तो उससे परहेज ना करें. आप दवा के साथ हल्दी वाला दूध पीना जारी रख सकते हैं. 

शहद और अदरक से कफ होगा दूर

अदरक को पानी में उबालकर और फिर शहद के साथ खाया जाए तो यह कफ, गले में खराश और गला खराब होने की दिक्कत की बेस्ट रेमेडी है. वैसे भी अदरक को कफ को दबाने के लिए जाना जाता है.  साथ ही इसमें ऐंटिऑक्सिडेंट भी होता है जो बीमारी से राहत दिलाता है. अदरक को शहद के साथ खाने से गले और कंठ में होने वाली सूजन और जलन में राहत मिलती है. डायबीटीज के मरीज शहद की कितनी मात्रा का इस्तेमाल करते हैं  इसे लेकर सावधान रहें क्योंकि इससे उनका शुगर लेवल पर असर करता है.

फ्लू और कॉमन कोल्ड दूर करने के लिए पिएं सूप

कॉमन कोल्ड और फ्लू में ऐंटिबायॉटिक्स असरदार नहीं होती क्योंकि ये वायरस से होने वाली बीमारी है और कॉमन कोल्ड को तुरंत दवा खाकर ठीक नहीं किया जा सकता बल्कि इलाज के जरिए सिर्फ कम किया जा सकता है.  ऐसे में गर्मा गर्म सूप आपको कॉमन कोल्ड से राहत दिलाता है.  सूप पीने से बंद नाक और गला खुल जाता है, कंठ में जो इरिटेशन हो रही होती है उसमें आराम मिलता है और कंजेशन भी कम होता है.  साथ ही शरीर भी हाइड्रेट होता है जिससे जल्दी रिकवर करने में मदद मिलती है.  सूप पीने से आपको फ्लू और कॉमन कोल्ड में आराम तो मिता है लेकिन ये पूरा ईलाज नहीं होता  अगर 36 घंटे से ज्यादा समय तक लक्षणों में कोई कमी न आए तो डॉक्टर से संपर्क करें. 


माइग्रेन और ऐंग्जाइटी के लिए लैवेंडर ऑइल

सिरदर्द हो रहा हो, माइग्रेट का अटैक हो, बेचैनी या चिंता महसूस हो रही हो तो इस तरह के मौकों पर लैवेंडर को सूंघने से आपकी तकलीफ कुछ कम हो सकती है. स्टडीज में भी यह बात साबित हो चुकी है कि लैवेंडर की चाय पीने से या फिर लैवेंडर ऑइल की कुछ बूंदों को रुमाल या टीशू पेपर पर डालकर सूंघने से ऐंग्जाइटी कम होती है, दिमाग और शरीर रिलैक्स होता है और स्ट्रेस लेवल में भी कमी आती है. ऐसे कई नुस्खे को अपना कर आज कल बाजार में अलग अलग तरह की चाय भी आ रही है, जैसे Chamomile tea, Lavender tea,Peppermint tea.  अगर माइग्रेन की दिक्कत है तो लैवेंडर दवा का सब्सिट्यूट नहीं हो सकता.  ये सिर्फ दर्द को कुछ देर के लिए कम करने में मदद कर सकता है, ठीक करने में नहीं. 

हिचकी रोकने के लिए आंवला और मिश्री

सोंठ, आंवले और पीपल के एक-एक ग्राम चूर्ण को मिलाकर शहद या मिश्री के साथ खाने से हिचकी रूक जाती है . पिप्पली चूर्ण और पिसी हुई मिश्री मिलाकर हिचकी के रोगी को सूंघाने से हिचकी बंद हो जाती है. अगर हिचकी (hichki) से  ज्यादा परेशानी हो रही हो तो  डॉक्टर से जरूर सम्पर्क करें.