Side effects of birth control pills: बर्थ कंट्रोल के लिए गर्भ निरोधक दवाइओं का सेवन करने से कैंसर की आशंका बढ़ जाती है. हाल ही में हुए एक रिसर्च में यह दावा किया गया है. दो हॉर्मोन का इस्तेमाल करके बनाए गए गर्भनिरोधक ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं. ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है. इसे पीएलओएस मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित किया गया है.
10 हजार महिलाओं पर की गई रिसर्च
ये रिसर्च 50 साल से कम उम्र की करीब 10 हजार महिलाओं पर की गई. जो 1996 से 2017 के बीच चली. शोध के मुताबिक बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर होने का खतरा पिल्स ना लेने वाली महिलाओं के मुकाबले 30 फीसदी ज्यादा था. हालांकि गोली लेना बंद करने के 10 साल बाद ये जोखिम कम हो चुका था. बर्थ पिल्स लेने से इसे न लेने वाले लोगों की तुलना में सर्वाइकल कैंसर का खतरा थोड़ा बढ़ सकता है. पिल्स का उपयोग आप जितने लंबे समय तक करेंगी जोखिम उतना ही ज्यादा हो सकता है.
हॉर्मोन आधारित पिल्स बढ़ाते हैं कैंसर का खतरा
हार्मोनल गर्भनिरोधक और स्तन कैंसर के बीच संबंध स्थापित करने वाला अपनी तरह का पहला अध्ययन है. कम उम्र की महिलाओं में इस बीमारी का जोखिम कम होता है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कहा कि 20 या टीनएज की उम्र की महिलाओं की तुलना में बड़ी उम्र की महिलाओं में इसका जोखिम ज्यादा था. कंबाइंड गर्भनिरोधक गोली ovaries को हर महीने एग रिलीज करने से रोकने के लिए प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन का उपयोग करती है. यह गर्भधारण को रोकने में भी 99.7 प्रतिशत प्रभावी है. दोनों तरह की गोलियों के दुष्प्रभाव हैं जैसे मूड में बदलाव, स्तनों का कोमल हो जाना, बीमार महसूस करना और शरीर के वजन की समस्या.
ये महिलाएं न लें प्रोजेस्टोजेन से बने गर्भनिरोधक
डॉक्टर्स महिलाओं को हॉर्मोन आधारित गर्भनिरोधक के सेवन से मना करते हैं, खासकर उन्हें जिनकी फैमिली में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास हो. शोध में यह भी स्पष्ट हुआ कि गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल के तरीके से खतरा कम या ज्यादा नहीं होता. इन दिनों केवल प्रोजेस्टोजेन से बने गर्भनिरोधक की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है.