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वीकेंड कर्फ्यू और पाबंदियों की वजह से दिल्ली में कंट्रोल हो रहा कोरोना, स्वास्थ्य मंत्री ने बताई कम टेस्टिंग की वजह

सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में मरीज़ धीरे-धीरे कम हो रहे हैं और पॉजिटिविटी रेट भी धीरे धीरे कम हो जाएगी. वीकेंड कर्फ़्यू में लोग एक दूसरे से कम मिलते हैं. नाईट कर्फ़्यू, वीकेंड कर्फ़्यू और पाबंदियों का असर पड़ रहा है.

दिल्ली में जो चाहते हैं वे अपना कोरोना टेस्ट करा सकते हैं दिल्ली में जो चाहते हैं वे अपना कोरोना टेस्ट करा सकते हैं
हाइलाइट्स
  • अस्पतालों में कम हो रही कोरोना मरीजों की संख्या

  • कोरोना से मरने वालों में ज्यादातर गंभीर बीमारी से पीड़ित

पिछले 2 दिनों से राजधानी दिल्ली में कोरोना के केस कम दर्ज हो रहे हैं. टेस्टिंग की संख्या भी कम हुई है. इस पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि टेस्ट कम होने से केस कम दर्ज नहीं होते हैं. जिस व्यक्ति को हल्का लक्षण है या हाई रिस्क कॉन्टैक्ट है तो ऐसे व्यक्ति का टेस्ट जरूर करवाते हैं.

टेस्टिंग को लेकर कोई दिक्कत नहीं
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कई जिलों में देखने मिला है कि कम टेस्ट होने के बाद वहां पॉजिटिविटी रेट डबल हो गया. ICMR की गाइडलाइन के मुताबिक जनसंख्या के हिसाब से टेस्ट करने को कहा गया है. अब भी दिल्ली में 3 गुना ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं. टेस्ट का कोई मसला नहीं है. जो टेस्ट कराना चाहते हैं उन्हें टेस्ट के लिए मना नहीं किया जाता है. हालांकि, वीकेंड कर्फ़्यू में कम लोग ही टेस्ट कराने आते हैं.

दिल्ली में पिछले एक महीने में 60 हजार से 1 लाख के बीच टेस्ट हुए हैं. जबकि दिल्ली में 3 लाख टेस्ट रोजाना करने की क्षमता है. लेकिन टेस्ट उसका किया जा रहा है जिसे ज़रूरत है. केंद्र सरकार के पास काफी अच्छे एक्सपर्ट हैं. ICMR ने सोच समझकर गाइडलाइन में बदलाव किए हैं. जो बीमार हैं उनका टेस्ट हो रहा है.

कम हो रही मरीजों की संख्या
सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में मरीज़ धीरे-धीरे कम हो रहे हैं और पॉजिटिविटी रेट भी धीरे धीरे कम हो जाएगी. वीकेंड कर्फ़्यू में लोग एक दूसरे से कम मिलते हैं. नाईट कर्फ़्यू, वीकेंड कर्फ़्यू और पाबंदियों का असर पड़ रहा है. अभी केस कम दर्ज हो रहे हैं लेकिन आगे कुछ दिनों तक आंकलन किया जाएगा. ऐसा न हो कि अस्थायी तौर पर मामले कम दर्ज हो रहे हैं.

कोरोना से मरने वालों में ज्यादातर गंभीर बीमारी से पीड़ित
दिल्ली में कोरोना से हुई मौत के मामलों में मरीज किसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित पाए गए हैं. किसी को कैंसर थी तो किसी को किडनी की प्रॉब्लम थी. बहुत सारे मरीज़ों में फेफड़े की बीमारी है. ठंड ज़्यादा होने की वजह से दिसंबर और जनवरी में फेफड़े की बीमारी से जूझ रहे मरीज़ो की मौत ज़्यादा होती है. ज्यादातर ऐसे मरीज़ो की मौत हो रही है जो अस्पताल में एडमिट होने आए और टेस्ट करने के बाद कोरोना पॉजिटिव पाए गए. पिछले दिनों के डेटा के मुताबिक जिन लोगों की मौत हुई, उनमें से 75% लोगों को वैक्सीन नहीं लगी थी.