डॉक्टरों को भगवान का दर्जा मिलता है, कहते हैं कि एक डॉक्टर किसी को भी जीवनदान दे सकता है. हाल में एम्स (AIIMS) के डॉक्टरों ने एक ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है. यहां के डॉक्टर्स ने देश के सबसे छोटे बच्चे का एन-ब्लॉक किडनी ट्रांसप्लांट किया है. हालांकि ये काफी चुनौतीपूर्ण था, जिसमें दोनों किडनी के साथ खून की नस भी बदली गई, ये देश में पहली बार हुआ है. दरअसल ये बच्चा लंबे समय से किडनी रोग से परेशान था. बीते एक डेढ़-साल से बच्चे की डायलिसिस भी हो रही थी, लेकिन खराब स्थिति होने के बाद डॉक्टरों ने बच्चे की किडनी बदलने का फैसला लिया. इसके अलावा पेरी-ऑपरेटिव क्रिटिकल केयर की मदद बाल चिकित्सा नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर अरविंद बग्गा और उनकी टीम ने की.
16 माह का बच्चा है किडनी डोनर
इस सर्जरी की खास बात ये है कि इसमें 16 माह के बच्चे से मिली किडनी को 5 साल के बच्चे में ट्रांसप्लांट किया गया है. हालांकि ये करना काफी मुश्किल था, लेकिन डॉक्टरों ने आखिरकार ये कारनामा कर दिखाया. 16 माह के इस डोनर को 24 अगस्त को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था. इस सर्जरी को एम्स के सर्जिकल विभाग से डॉ. मंजूनाथ मारुति पोल और उनकी टीम ने किया है. वहीं प्रो. संदीप अग्रवाल (सर्जरी यूनिट-2 के प्रमुख), प्रो. सीनू (किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी के लिए नोडल अधिकारी) और प्रो. सुनील चुम्बर (सर्जरी विभाग के प्रमुख) ने ट्रांसप्लांट के लिए जरूरी मदद की.
16 महीने के रिशांत ने दी किडनी
इस सर्जरी को लेकर डॉ मंजूनाथ ने बताया कि इस बच्चे का एक-डेढ़ साल से डायलिसिस चल रहा था, जिससे उसकी किडनी काफी प्रभावित हो रही थी, जिसके बाद ट्रांसप्लांट ही एकमात्र विकल्प था. उन्होंने बताया कि सर्जरी के वक्त बच्चे का वजन केवल 13 किलो था. ये सर्जरी करने में काफी दिक्कत आई. क्योंकि डोनर एक 16 माह का बच्चा था, तो किडनी छोटी होने के कारण ट्रांसप्लांट करने में काफी दिक्कत आई. वैसे तो ये सर्जरी काफी लंबी चली, पर अब बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित है, उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है.
24 अगस्त को हुई थी रिश्ते की मौत
इस बच्चे को किडनी देने वाले 16 माह के रिशांत की मौत 25 अगस्त को हुई थी. पांच बहनों में अकेला भाई रिशांत 17 अगस्त को खेलते हुए गिर गया था. जिसके बाद उसे एम्स के ट्रामा सेंटर लाया गया. यहां जिंदगी और मौत से जूझते हुए 24 अगस्त को रिशांत ने दम तोड़ दिया. उसकी मौत के बाद परिवार ने उसका अंगदान करने का फैसला किया. रिशांत की किडनी से एक जिंदगी बच गई.