भारतीय कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन का वर्चस्व दुनिया भर में फैल रहा है. हाल ही में एक अमेरिकी कंपनी ओक्यूजेन ने घोषणा की है कि उसने बच्चों के लिए टीके के इस्तेमाल को लेकर अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) के पास आवेदन दिया है.
ओक्यूजेन का आवेदन भारत बायोटेक के दो साल से 18 साल के कुछ बच्चों और किशोरों पर भारत में दूसरे-तीसरे चरण के ‘क्लीनिकल ट्रायल’ के नतीजे पर आधारित है, जिन्होंने 28 दिनों के अंतराल में कोवैक्सिन की दो खुराक प्राप्त की थी. साथ ही इस आवेदन में भारत में करीब 25,800 वयस्कों पर किए गए तीसरे चरण के नतीजे का भी जिक्र किया गया है.
हालांकि ऐसा भी माना जा रहा है ओक्यूजेन का डेटा, केवल बच्चों के एक छोटे समूह के साथ संयुक्त राज्य के बाहर किए गए क्लीनिकल ट्रायल से एकत्र किया गया, जिस कारण हो सकता है कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) इस अनुरोध को स्वीकार ना करे.
बता दें कि भारत बायोटेक द्वारा भारत में विकसित कोवैक्सिन को बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन से आपातकालीन स्वीकृति मिली और इसे पहले ही 17 देशों में उपयोग के लिए मंजूरी दे दी गई है. इतना ही नहीं अमेरिका से बाहर के वयस्कों को कोवैक्सिन की लाखों खुराकें दी जा चुकी हैं.
ओक्यूजेन के सह-संस्थापक शंकर मुसुनुरी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि, "ये आवेदन हमारे वैक्सीन उम्मीदवार को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने की हमारी उम्मीद ओर एक महत्वपूर्ण कदम है."
हाल ही में एफडीए ने फाइजर और मॉडर्न को ज्यादा से ज्यादा बच्चों पर कोविड-19 टीके का क्लीनिकल ट्रायल करने को कहा है, जिससे हर तरह के दुष्प्रभावों का पता लगाया जा सके.
दरअसल अमेरिका में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए फाइजर एकमात्र वैक्सीन है, साथ ही अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस हफ्ते 5 से 11 वर्ष के बच्चों के लिए टीका प्राप्त करने का रास्ता साफ कर दिया है.