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फेफड़ों के अलावा इन ऑर्गन सिस्टम को भी नुकसान पहुंचा रहा कोरोना, स्टडी में हुआ खुलासा

वैसे तो कोरोना वायरस सांस संबंधी रोग पैदा करने के लिए जाना जाता है, लेकिन कई बार यह आपके शरीर की अन्य अंग प्रणालियों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. यह आपके ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करके आपको डायबिटीज का शिकार बना सकता है.

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हाइलाइट्स
  • अन्य अंग प्रणालियों को भी पहुंचा रहा नुकसान

  • ट्रीटमेंट स्ट्रेटजी से होगा काम

यह बात पूरी तरह से स्पष्ट है कि कोरोना वायरस के सांस से फैलने के बावजूद यह हमारे फेफड़ों के अलावा और भी चीजों को नुकसान पहुंचा रहा है. अब जापान के शोधकर्ताओं ने एक और जीन की पहचान की है जो ब्लड शुगर मेटाबॉलिज्म पर SARS-CoV-2 संक्रमण के प्रभावों की मध्यस्थता करता है.

अन्य अंग प्रणालियों को भी पहुंचा रहा नुकसान
मेटाबॉलिज्म में जून में प्रकाशित एक अध्ययन में ओसाका विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने खुलासा किया कि COVID-19 इंसुलिन सिग्नलिंग में हस्तक्षेप करके मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्या और कभी-कभी डायबिटीज का खतरा भी बन सकता है. वैसे तो COVID-19 सांस संबंधी तकलीफ देने के लिए जाना जाता है, लेकिन कई बार यह अन्य अंग प्रणालियों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. यह आपके ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकता है, जिससे आप डायबिटीज का शिकार हो सकते हैं. हालांकि अभी यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि SARS-CoV-2 वायरस के संक्रमण से ये प्रभाव कैसे पड़ते हैं.

इसकी जांच करने के लिए शोधकर्ताओं ने SARS-CoV-2 से संक्रमित रोगियों के साथ-साथ विवो (within living organism) और इन विट्रो मॉडल (in glass) में जीन एक्सप्रेशन के डेटासेट का विश्लेषण किया. उन्होंने विशेष रूप से उन जीनों की तलाश की जो असंक्रमित रोगियों, जानवरों या कोशिकाओं की तुलना में अधिक या कम व्यक्त किए गए थे.

ट्रीटमेंट स्ट्रेटजी से होगा काम
अध्ययन के वरिष्ठ लेखक इइचिरो शिमोमुरा कहते हैं, "SARS-CoV-2 के संक्रमण ने फेफड़े, लिवर, एडिपोस टिशु और पैंक्रिएटिक सेल्स में इंसुलिन / IGF सिग्नलिंग मार्ग घटकों की अभिव्यक्ति को प्रभावित किया. इसके अलावा इन परिवर्तनों को इंटरफेरॉन नियामक कारक 1 (IRF1) के सक्रियण के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था."आगे की जांच से पता चला कि IRF1 वृद्ध रोगियों, पुरुषों, मोटे व्यक्तियों और मधुमेह के रोगियों में बढ़ जाती है. इसके अलावा COVID-19 के गंभीर रोगियों में गैर-गंभीर रोगियों की तुलना में उनके रक्त में उच्च IRF1 अभिव्यक्ति और कम इंसुलिन / IGF सिग्नलिंग पाथवे जीन थे. 

कई अंग प्रणालियों पर COVID-19 के विनाशकारी प्रभाव को देखते हुए ऐसी उपचार रणनीतियां जो ब्लड शुगर के मेटाबॉलिज्म पर रोग के प्रभाव को कम कर सकती हैं बहुत महत्वपूर्ण हो सकती हैं. इन प्रभावों का अनुभव करने के अधिक जोखिम वाले रोगियों की पहचान करके और IRF1 एक्टिवेशन को कम करने के लिए हस्तक्षेप करके कोविड-19 के कुछ गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है.