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Covid-19 JN.1: नए साल के रंग में भंग डाल सकता है कोरोना, जानें कैसे रह सकते हैं सुरक्षित

कोविड के बढ़ते मामलों के बावजूद एक्सपर्ट्स की राय है कि नए वैरिएंट से लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. हालांकि लोगों को सतर्क और सावधान जरूर रहना चाहिए.

देश में कोरोना के मामलों में तेजी (फाइल फोटो) देश में कोरोना के मामलों में तेजी (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • नए वैरिएंट JN.1 के केस भी बढ़ गए हैं.

  • फिर से करें मास्क पहनने की शुरुआत

कोविड-19 (Covid 19) के बढ़ते मामलों के बीच भारत में कोरोना के सब वैरिएंट जेएन.1 के कुल 63 मामले सामने आए हैं. इनमें से सबसे ज्यादा मामले गोवा के हैं. गोवा के बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. राहत की बात ये है कि रिपोर्ट किए गए ज्यादातर मामलों में हल्के लक्षण देखने को मिल रहे हैं.

दिल्ली में बढ़ाई गई जीनोम सीक्वेंसिंग
इस बीच, देश में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की कुल संख्या 4,054 हो गई है, जिसमें सबसे ज्यादा मामले केरल से आए हैं. कोविड-19 मामलों की संख्या में अचानक वृद्धि की तैयारी के लिए दिल्ली सरकार ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर बेड और अन्य जरूरी चीजों की समीक्षा कर रही है. सरकार जीनोम सीक्वेंसिंग भी बढ़ा रही है. दिल्ली में कोरोना के 4 एक्टिव केसेस हैं. फिर भी यहां हालात नियंत्रित हैं. वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए अस्पतालों को अलर्ट किया गया है.

लोगों को सतर्क रहने की जरूरत
कोविड ​​​​मामलों में अचानक वृद्धि और नए साल के जश्न में होने वाली भीड़भाड़ के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगह से बचने की सलाह दी है. कोविड के इस नए वैरिएंट के खिलाफ अपनी इम्यूनिटी बूस्ट के लिए हेल्दी डाइट फॉलो करें. कोविड के बढ़ते मामलों के बावजूद एक्सपर्ट्स की राय है कि नए वैरिएंट से लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. हालांकि लोगों को सतर्क और सावधान जरूर रहना चाहिए.

फिर से करें मास्क पहनने की शुरुआत
JN.1 वैरिएंट की प्रकृति गंभीर संक्रामक नहीं है, ऐसे में अस्पतालों में भीड़ बढ़ने की आशंका भी कम है. जिन लोगों में पहले से ही हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर या फिर एचआईवी है उनमें संक्रमण की स्थिति में खतरा हो सकता है. इसलिए इन लोगों को भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से बचना चाहिए. इसके अलावा एहतियात तौर पर अपनी दवाएं और डाइट भी लेते रहना चाहिए. मास्क पहनने की शुरुआत फिर से करें. कोरोना खतरनाक भले ही न हो संक्रामक जरूर है, इसलिए अलर्ट रहना बहुत जरूरी है.