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JN.1 Symptoms: कोविड के नए वैरिएंट से नहीं है पैनिक होने की जरूरत, पेट में दिक्कत- सीने में जकड़न जैसे लक्षण दिखें तो करा लें टेस्ट

जेएन.1 के लक्षण वैश्विक पर सामने आए दूसरे वैरिएंट और सब-वैरिएंट के जैसे ही हैं. इसके सामान्य लक्षणों में बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द शामिल हैं. कुछ लोगों को हल्के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों का भी सामना करना पड़ सकता है.

India saw a spike in COVID-19 cases, with 614 fresh infections recorded in the past 24 hours India saw a spike in COVID-19 cases, with 614 fresh infections recorded in the past 24 hours
हाइलाइट्स
  • लोगों को नहीं है घबराने की जरूरत

  • सीने में जकड़न जैसे लक्षण दिखें तो करा लें टेस्ट

भारत में एक बार फिर कोविड-19 (Covid 19) के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. बुधवार को देशभर में कोविड के 341 नए मामले सामने आए. कोविड के नए वैरिएंट JN.1 के भी देशभर में 21 मामले सामने आए हैं. इनमें सबसे ज्यादा 19 केस गोवा से हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 के नए सब-वैरिएंट जेएन.1 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में क्लासिफाइड किया है. हालांकि WHO ने कहा है कि ये वैरिएंट लोगों के लिए ज्यादा गंभीर नहीं है.

JN.1 वैरिएंट
JN.1 (BA.2.86.1.1) वैरिएंट कोरोना वायरस के BA.2.86 पिरोला का वंशज है. JN.1 की पहचान पहली बार यूरोपीय देश लक्जमबर्ग में हुई. यहां से यह तमाम देशों में फैलना शुरू हो गया. इसमें स्पाइक प्रोटीन आल्‍टरेशन हैं जो इसे अधिक संक्रामक और इम्‍यून सिस्‍टम को चकमा देने वाला बना देते हैं. इसके कारण पिछले कुछ हफ्तों में 16 मौतें हुई हैं.

JN.1 के लक्षण

जेएन.1 के लक्षण वैश्विक पर सामने आए दूसरे वैरिएंट और सब-वैरिएंट के जैसे ही हैं. इसके सामान्य लक्षणों में बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द शामिल हैं. कुछ लोगों को हल्के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों का भी सामना करना पड़ सकता है. कुछ मरीजों में हल्के सांस संबंधी लक्षण देखे जा सकते हैं जो आमतौर पर चार से पांच दिनों के अंदर ठीक हो जाते हैं. इसके अलावा कुछ लक्षणों में अत्यधिक थकान, भूख न लगना, मतली, स्वाद न आना शामिल हो सकता है. अगर आपको भी इनमें से कोई लक्षण दिखें तो बिना देर किए टेस्ट करा लें.

क्या लोगों को परेशान होने की जरूत है?

भारत सरकार कोविड के नए वैरिएंट की बारीकी से जांच कर रही है. इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. केंद्र सरकार ने राज्यों को टेस्टिंग बढ़ाने और सर्विलांस सिस्टम को मजबूत करने को कहा है. कोविड की वजह से फिलहाल हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत नहीं है.

राज्य पूरी तरह से तैयार

कोविड के बढ़ते मामलों के बीच देशभर के अस्पतालों को अलर्ट रहने को कहा गया है. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा हमारा हेल्थ सिस्टर पूरी तरह से तैयार है इसलिए लोगों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है. पश्चिम बंगाल का स्वास्थ्य विभाग इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) मामलों की अच्छे से निगरानी कर रहा है. बात करें दिल्ली की तो टेस्टिंग पर जोर दिया जा रहा है. सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जा रही है. हरियाणा में कोविड के केस नहीं होने के बावजूद इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों और रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट किए जा रहे हैं.