जैसे-जैसे सर्दियां बढ़ती जा रही हैं वैसे-वैसे सांस संबंधी बीमारियां भी लोगों को परेशान करने लगी हैं. अधिकतर लोग खांसी, जुकाम और बुखार से जूझ रहे हैं. इसमें भी सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को हो रही है जो पहले से किसी सांस संबंधी बीमारी का शिकार हैं. कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा दोनों का एक साथ बढ़ना एक चुनौती की तरह दिखाई दे रहा है. पिछली सर्दियों से अलग, इस बार फ्लू और कोविड-19 दोनों एक साथ आए हैं.
कोविड-19 और फ्लू दोनों हो रहे हैं एक साथ
बता दें, कोविड-19 और फ्लू दोनों ही एक साथ फैल रहा है. ऐसे में सभी लोग को-इन्फेक्शन को लेकर चिंता में हैं. को-इन्फेक्शन, कई सारे सांस से जुड़े वायरस का एक साथ होना है. हालांकि, ये काफी रेयर है. को-इन्फेक्शन में एक वायरस के प्रति शरीर का इम्यून रेस्पॉन्स शामिल होता है. इम्यून रेस्पॉन्स उस परिस्थिति को कहते हैं जिसमें शरीर एक सेफ वातावरण बनाता है जो एक साथ होने वाले इन्फेक्शन की संभावना को कम करता है.
क्या है को-इन्फेक्शन?
को-इन्फेक्शन का मतलब है एक ही व्यक्ति में दो या दो से ज्यादा अलग-अलग पैथोजन्स, जैसे वायरस या बैक्टीरिया, की एक साथ उपस्थिति. COVID-19 और इन्फ्लूएंजा (फ्लू) के मामले में, को-इन्फेक्शन का मतलब यह होगा कि एक व्यक्ति एक ही समय में SARS-CoV-2 वायरस (जो COVID-19 का कारण बनता है) और इन्फ्लूएंजा वायरस दोनों से इन्फेक्टेड है.
कोविड -19 और फ्लू जैसे सांस से जुड़े वायरस के मामले में, को-इन्फेक्शन के अलग-अलग प्रभाव हो सकते हैं. यह बीमारी की गंभीरता को प्रभावित कर सकता है, जिससे संभावित रूप से तबीयत और बिगड़ सकती है. को-इन्फेक्शन ट्रीटमेंट में भी मुश्किलें पैदा कर सकता है.
को-इन्फेक्शन कम लोगों को होता है
हालांकि, को-इन्फेक्शन काफी असामान्य है, इसकी गंभीरता व्यक्तिगत स्वास्थ्य के आधार पर अलग-अलग हो सकती है. कमजोर व्यक्तियों, विशेष रूप से वे जो पहले से ही शारीरिक और सांस संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनपर इसका प्रभाव ज्यादा हो सकता है. कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा के एक साथ इन्फेक्शन गंभीरता बढ़ा सकते हैं, जिसमें वेंटिलेटर की आवश्यकता तक भी हो सकती है.
कैसे बचाएं खुद को?
दोनों वायरस के प्रभाव को कम करने और गंभीर बीमारी के जोखिम को कम करने के लिए वैक्सीन एक सबसे अच्छा उपाय है. जैसे-जैसे सर्दियां बढ़ रही हैं कोशिश करें कि कोविड-19 और फ्लू के लिए वैक्सीन का विकल्प चुनें. इसके अलावा, लोगों को बीमार होने पर घर पर रहने की सलाह दी जाती है. अगर बुखार, जुकाम या खांसी के लक्षण नजर आ रहे हैं तो पर्याप्त आराम, हाइड्रेशन और मेडिकेशन जरूरी है.