शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने ऐलान किया था कि फ्रंट लाइन वर्कर्स और 60 की उम्र पार कर चुके लोगों को बूस्टर डोज दी जाएगी. 10 जनवरी से इसकी शुरुआत होने जा रही है. 3 करोड़ से ज्यादा फ्रंटलाइन वर्कर्स बूस्टर डोज लेने के लिए योग्य होंगे. प्रीकॉशन या फिर बूस्टर डोज उन्हें दिया जाएगा जिन्हें कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लिए 9 महीने पूरे हो चुके हैं.
दोनों डोज की तरह होगा तीसरा डोज
कोरोना वैक्सीन का जो तीसरा डोज लोगों को दिया जाएगा वो कोविड वैक्सीन के पहले दोनों डोज की तरह ही होगा. मतलब ये कि जो आपको पहले और दूसरे डोज में लगा है, तीसरे में भी वही दवा दी जाएगी. 60 की उम्र पार कर चुके वैसे लोग किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें भी तीसरा डोज दिया जाएगा.
कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर सरकार का कहना है कि पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध है. राज्यों के पास अभी 18 करोड़ से ज्यादा डोज मौजूद है. हर महीने कोवैक्सीन और कोविशील्ड के 31 करोड़ डोज का उत्पादन हो रहा है.
1 मई तक 1.11 करोड़ लोग पूरी तरह वैक्सीनेटेड
16 जनवरी से जब कोरोना वैक्सीनेशन शुरू हुआ तब सबसे पहले हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को प्राथमिकता दी गई. इसके बाद एक मार्च से 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगना शुरू हुआ. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के डाटा के मुताबिक 1 मई तक 1.11 करोड़ लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके थे.
कोविन प्लेटफॉर्म पर ऑटोमेटिकली यह दिखने लगेगा कि कौन बूस्टर डोज लेने के लिए योग्य होंगे. सूत्रों के मुताबिक सरकार ने इसको लेकर पूरा डाटा तैयार कर लिया है. अगले कुछ ही दिनों में इसको लेकर घोषणा की जाएगी. बता दें कि अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई देशों में लोगों को बूस्टर डोज लगनी शुरू हो गई है.
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