scorecardresearch

R Value: कोरोना संक्रमण ही नहीं, किसी भी महामारी की रफ्तार को समझने का ये है फॉर्मूला

पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण की रफ्तार बेहद चौंकाने और डराने वाली  है. लगातार चौथे दिन एक लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं. जिसकी वजह से जनवरी के दूसरे हफ्ते की शुरुआत भी चिंता भरी रही है. 

Covid 19 Covid 19
हाइलाइट्स
  • R Value ज‍ितना बढ़ेगा, संक्रमण की रफ्तार उतनी ही होगी तेज

  • पिछले 24 घंटे में 1 लाख 79 हजार से ज्यादा नए मरीज सामने आए

देश में तीसरी लहर की आशंका से अब कोई इनकार नहीं कर सकता. पिछले 24 घंटे में 1 लाख 79 हजार से ज्यादा नए मरीज सामने आए हैं. पॉजिटिविटी रेट यानी संक्रमण दर भी 13.29 फीसदी तक पहुंच गई है. यानी पिछले साल आई दूसरी लहर के बाद एक बार फिर कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. भारत में बढ़ती R वैल्यू भी इस बात की पुष्टि कर करता है. 2 दिसंबर को देश की R वैल्यू 0.95 हुई थी. करीब एक महीने बाद भारत की औसत R वैल्यू 1.64  है. यानी सिर्फ 39 दिनों में R वैल्यू में करीब 80 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. आइए जानते हैं कि R-वैल्यू क्या होता है.

दरअसल R वैल्यू यानी रीप्रोडक्शन वैल्यू एक मैथमेटिकल टर्म है. जो बताता है कि कोई वायरस कितना ज्यादा संक्रामक है. यानी R वैल्यू ही वो पैमाना है. जिससे ये पता चलता है कि 100 संक्रमित शख्स कितने स्वस्थ लोगों को संक्रमित कर रहे हैं. फिलहाल भारत की R वैल्यू 1.64 है. यानी 100 संक्रमित लोग 164 स्वस्थ लोगों को संक्रमित कर रहे हैं.

R वैल्यू का इस्तेमाल किसी भी महामारी की रफ्तार को समझने के लिए ही होता है. फिलहाल पूरी दुनिया की तरह भारत भी कोरोना महामारी से ही त्रस्त है. इसलिए अभी R वैल्यू का इस्तेमाल कोरोना संक्रमण की रफ्तार को समझने के लिए ही हो रहा है. पिछले एक महीने से एकबार फिर भारत की R वैल्यू बढ़नी शुरू हो गई है. जिसकी वजह से डॉक्टरों के अलावा हेल्थ सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट भी चिंतित हो गए हैं.

R वैल्यू का मतलब?

वायरस की संक्रामकता के बारे में पता चलता है

100 संक्रमित लोगों की संक्रमण फैलाने की क्षमता का पता चलता है

भारत की R वैल्यू इस वक्त 1.64 है 

यानी 100 संक्रमित लोगों से 164 लोगों में संक्रमण

देश की R वैल्यू भले ही अभी 1.64 है. लेकिन कई ऐसे राज्य हैं जिनकी R वैल्यू देश के औसत से भी ज्यादा है. ये देश के स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ इन राज्यों के स्वास्थ्य महकमे की भी चिंता बढ़ा रही है.

ज्यादा R वैल्यू वाले राज्य:

बिहार में फिलहाल R वैल्यू 2.08 है. जिसका मतलब है कि यहां 100 संक्रमित मरीज 208 स्वस्थ लोगों को संक्रमण दे रहे हैं. 

बिहार से सटे उत्तर प्रदेश में R वैल्यू 2.03 है. यानी यहां 100 संक्रमित लोग 203 सेहतमंद व्यक्तियों को संक्रमित कर रहे हैं. 

अगर पंजाब की बात करें तो यहां R वैल्यू 1.95 है जिसका मतलब ये है कि 100 संक्रमित लोगों से संक्रमण 195 स्वस्थ लोगों में ट्रांसफर हो रहा है. पंजाब में कोरोना संक्रमण की रफ्तार खुद इस बात की गवाही दे रही है. 

R वैल्यू के मामले में चौथा नंबर राजस्थान का आता है जहां R वैल्यू 1.93  है. इसका मतलब है कि राजस्थान में 100 संक्रमित 193 लोगों को संक्रमित कर रहे हैं. 

पांचवें नंबर पर दिल्ली है. देश की राजधानी में R वैल्यू 1.84 है. जिसका मतलब ये है कि वहां 100 कोरोना संक्रमित 184 हेल्दी लोगों में संक्रमण फैला रहे हैं.

उत्तराखंड में R वैल्यू 1.79 पर पहुंच गई है जिसका मतलब है कि इस राज्य में 100 संक्रमित लोग 179 स्वस्थ इंसानों को संक्रमित कर रहे हैं.

झारखंड भी इन्हीं राज्यों में शामिल है जहां R वैल्यू 1 के ऊपर जा चुकी है. अभी यहां रीप्रोडक्शन वैल्यू 1.75 है. यानी 100 संक्रमित 175 लोगों को संक्रमित कर रहे हैं. 

दूसरी लहर में R वैल्यू
अगर देश की मौजूदा R वैल्यू की गंभीरता को समझना है तो पिछले साल आई दूसरी लहर के आंकड़ों को भी समझना होगा. तब भी हमें पता चल पाएगा कि R वैल्यू बढ़ने का क्या असर हो सकता है 

दूसरी लहर की शुरुआत के दौरान 9 मार्च और 21 अप्रैल के बीच R वैल्यू 1.37 थी. इसी वजह से इस दौरान केस तेजी से बढ़ रहे थे और दूसरी लहर अपने पीक की ओर बढ़ रही थी. 24 अप्रैल से 1 मई के बीच R वैल्यू 1.18 थी और फिर 7 मई आते-आते 1.10 रह गई. साफ है कि R वैल्यू बढ़ने से केस बढ़ने लगते हैं. यही वजह है कि इसे रोकने पर जोर दिया जाता है.

अगर एक व्यक्ति एक से ज्यादा व्यक्ति को संक्रमित करने लगे तो हालात अच्छे नहीं कहे जा सकते. कोई महामारी कितनी गंभीर है, इसे मापने के लिए 3 पैमानों का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें आर वैल्यू के अलावा केसेज की संख्या और उसकी गंभीरता भी शामिल है. इसलिए जरूरत है कि लक्षण महसूस करते ही आप अपना टेस्ट कराएं और संक्रमण की स्थिति में कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें.