कोरोना वायरस से पूरी दुनिया परेशान है. इसके नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने लोगों के मन में दहशत बना दी है. डेल्टा के बाद ओमिक्रॉन ने लोगों के मन में इम्यूनिटी को लेकर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं. हालांकि अब लोगों के लिए राहत की खबर है. दरअसल एक नए अध्ययन में पता चला है कि COVID-19 टीकाकरण से पहले या बाद में संक्रमित होने से सुपर इम्यूनिटी डेवलेप हो जाती है. हालांकि विशेषज्ञ ये कभी नहीं चाहेंगे कि आप जानबूझकर कोरोनावायरस की चपेट में आएं.
कैसे बनती है सुपर इम्यूनिटी?
ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोनावायरस से ठीक होने के बाद टीका प्राप्त करना उतनी ही सुरक्षा देता है जितनी वैक्सीन लगवाने के बाद अगर आप कोरोनावायरस की चपेट में आते हैं. इसे ही सुपर इम्यूनिटी कहा गया है. दोनों ही परिदृश्यों में एंटीबॉडी उन लोगों में एंटीबॉडी की तुलना में 10 गुना या अधिक मजबूत थी, जिन्हें टीका लगाया गया था, लेकिन कभी भी COVID-19 नहीं हुआ था.
अधिक तेजी से म्यूटेट होते हैं वायरस
ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी ने पहले अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल के लिए एक अध्ययन प्रकाशित किया था जिसमें डेल्टा वैरिएंट के ब्रेकथ्रू इंफ्केशन पाए गए थे. यह "डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया" या "सुपर इम्यूनिटी" प्रदान करता है. शोधकर्ताओं ने कहा कि ये निष्कर्ष बताते हैं कि "प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया अन्य प्रकारों के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी हैं क्योंकि SARS-CoV-2 वायरस म्यूटेट होते हैं."
हल्का संक्रमण बन सकता है SARS-CoV-2
शोधकर्ताओं ने कहा, जिन लोगों के पास यह "सुपर इम्युनिटी" है, वे कोविड-19 संक्रमण और गंभीर लक्षणों से बेहतर रूप से सुरक्षित हैं. को -ऑथर मार्सेल कर्लिन, द ओरेगोनियन के अनुसार, "ये परिणाम बताते हैं कि ये ऐसे समय की ओर इशारा कर रहा है जब SARS-CoV-2 दुनिया भर में महामारी के बजाय सीजनल रेसपिरेटरी ट्रेक्ट के संक्रमण की तरह एक हल्का संक्रमण बन सकता है."