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पहले से बड़ी तो होगी लेकिन जल्द खत्म होगी कोरोना की तीसरी लहर!

Covid Third Wave India: कोरोना की पहली लहर में 17 सितंबर 2020 को सर्वाधिक 97894 मामले एक दिन में दर्ज किए गए थे, जबकि दूसरी लहर में 7 मई 2021 को 414188 मामले दर्ज हुए थे. गुरुवार को संक्रमण पहली लहर के करीब पहुंच चुका था. जबक‍ि शुक्रवार को 1 लाख 17 हजार नए केस सामने आए और ओमिक्रॉन का आंकड़ा 3000 के पार हो गया.

Covid 19 Covid 19
हाइलाइट्स
  • सख्त लॉकडाउन की वजह से देर तक रहेगी तीसरी लहर

  • गुरुवार को पहली लहर के करीब पहुंचा संक्रमण

देश में शुरू हो चुकी कोरोना की तीसरी लहर (Corona third wave in India) पहले से बड़ी तो होगी लेक‍िन अच्छी खबर ये है क‍ि इस लहर का चरम जल्द ही आएगा और तीसरी लहर खत्म भी जल्द होगी. इस लहर में संक्रमण की रफ्तार के आंकड़ों के साथ-साथ जानकारों की तरफ से भी ऐसी उम्मीद जताई जा रही है.

आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणिन्द्र अग्रवाल ने कहा कि इस समय जिस रफ्तार से कोरोना के मामले (Corona Cases) बढ़ रहे हैं, उससे संकेत मिलने लगे हैं कि तीसरी लहर बड़ी होगी. अभी यह पहली लहर को पार करने के करीब है. इस बार संक्रमण का चरम दूसरी लहर से भी बड़ा हो सकता है, लेकिन कितना बड़ा होगा, इसका अंदाजा कुछ दिनों में ही हो जाएगा. ऐसी उम्मीद है कि जिस तेजी से मामले बढ़ रहे हैं, उसी तेजी से घटेंगे भी.

प्रोफेसर अग्रवाल के मुताब‍िक अगले 10 द‍िनों में यानी जनवरी के मध्य में द‍िल्ली और मुंबई में कोरोना की तीसरी लहर चरम पर होगी. दोनों शहरों में करीब 30 हजार से 50 हजार के करीब मामले हर रोज आएंगे. देश में कोरोना की तीसरी लहर का चरम इस महीने यानी जनवरी के आख‍िर में होगी जब हर रोज 4 से 8 लाख नए मामले सामने आएंगे और मार्च में ग‍िरावट आएगी. हालांक‍ि उन्होंने यह भी कहा क‍ि अगर लॉकडाउन नहीं लगाया गया तो कोरोना के नए मामलों में तेजी से गिरावट आएगी.

सख्त लॉकडाउन की वजह से देर तक रहेगी तीसरी लहर

प्रोफेसर अग्रवाल कहते हैं क‍ि सख्त लॉकडाउन की वजह से तीसरी लहर देर तक रहेगी और महामारी ज्यादा द‍िनों तक बनी रहेगी. लेक‍िन तबतक यह हमारे हेल्थ स‍िस्टम पर बोझ नहीं डालेगी. लेक‍िन अगर लॉकडाउन नहीं लगाया गया तो उम्मीद है क‍ि मार्च के आख‍िर तक लहर में कमी आ जाए. ऐसी संभावना है क‍ि मार्च के अंत तक हर रोज कोरोना के करीब 10 से 20 हजार नए मामले सामने आएं.

प्रोफेसर अग्रवाल ने यह भी उम्मीद जताई क‍ि तीसरी लहर में अस्पतालों में भर्ती होने की नौबत कम से कम आएगी. उन्होंने कहा, 'लगता नहीं है क‍ि कोरोना की तीसरी लहर मार्च के बाद तक रह पाए. जैसा डेल्टा का असर देश के पूर्वोत्तर राज्यों में हुआ था. हालांक‍ि वो ये भी कहते हैं क‍ि अनुमानों के लिए पर्याप्त आंकड़े मौजूद नहीं हैं. उनका यह अनुमान सही नहीं साब‍ित हुआ क‍ि भारत में संक्रमण की रफ्तार दक्षिण अफ्रीका जैसी होगी.

गुरुवार को पहली लहर के करीब पहुंचा संक्रमण

गौरतलब है क‍ि कोरोना की पहली लहर में 17 सितंबर 2020 को सर्वाधिक 97894 मामले एक दिन में दर्ज किए गए थे, जबकि दूसरी लहर में 7 मई 2021 को 414188 मामले दर्ज हुए थे. गुरुवार को संक्रमण पहली लहर के करीब पहुंच चुका था. जबक‍ि शुक्रवार को 1 लाख 17 हजार नए केस सामने आए और ओमिक्रॉन का आंकड़ा 3000 के पार हो गया. दूसरी और तीसरी लहर के शुरुआती आंकड़े भी संकेत कर रहे हैं कि यह लहर काफी लंबी होने वाली है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, दूसरी लहर की शुरुआत पिछले साल 2 फरवरी से हुई थी तब रोज 8635 मामले दर्ज किए गए थे और 7 मई को संक्रमण चरम पर पहुंचा. इसके बाद गिरावट आनी शुरू हुई. इस बार 28 दिसंबर को रोजाना मामले 6358 दर्ज किए गए थे, इसके बाद बढ़ोतरी का दौर शुरू हुआ. दूसरी लहर के नौ दिनों में संक्रमण 49 बढ़ा वहीं, तीसरी लहर में यह 1330 तक पहुंच गया.

जानकार कहते हैं कि यह ओम‍िक्रॉन का संक्रमण बेहद तेज है. इसके दो नतीजे निकलते हैं. एक तरफ संक्रमण तेजी से बढ़ेगा और पहले से ज्यादा बढ़ेगा. यानी तीसरी लहर दूसरी से बड़ी हो सकती है। दूसरे अगले दस या कुछ और दिनों के बाद संक्रमण पीक पर पहुंच जाएगा.

विदेशों में ऐसे रहे हालात
7 जनवरी 2021 को दुन‍िया में सबसे अध‍िक 892750 मामले दर्ज किए गए लेक‍िन 23 अप्रैल को 904253 केस आ गए. बाद में ओमिक्रॉन ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और 4 जनवरी को 26 लाख मामले दर्ज किए गए. सबसे ज्यादा प्रभावित देशों अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और स्पेन में भी पहले की तुलना में सबसे अधिक मामले आए और काफी तेजी से बढ़े हैं. दक्षिण अफ्रीका के अनुभव बताते हैं कि 45 दिनों में गिरावट आने लगती है.