पिछल 24 घंटों में कोरोना वायरस (covid cases in india) के मामलों में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली है. कोरोना के आज 30 हजार 757 नए मामले सामने आए हैं. यह संख्या बुधवार के मुकाबले 0.5 फीसदी कम है. पिछले 24 घंटे में 541 मरीजों की संक्रमण के कारण जान गई तो वहीं 67,538 मरीज ठीक हुए हैं.
देशभर में अबतक आने वाले कोरोना मामलों की संख्या 4.27 करोड़ से ज्यादा हो गई है. हालांकि, इसमें से 4.19 करोड़ से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं. और रिकवरी रेट बढ़कर 98.03% हो गया है.
केंद्र सरकार ने दी चेतावनी:
पिछले कई दिनों से कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट आ रही थी. जिस कारण अलग-अलग राज्य कोरोना के कारण लगे प्रतिबंधों को हटाने या कम करने पर विचार कर रहे हैं. लेकिन अब केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से कहा है कि कोरोना प्रतिबंध हटाने से पहले सभी पहलुओं पर अच्छे से समीक्षा कर लें.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों/मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों को लेटर लिखा है. जिसमें उनका कहना है कि 21 जनवरी से देश कोरोनावायरस के नए मामलों में कमी आ रही है. लेकिन इसके बावजूद प्रतिबंध हटाने से पहले कुछ चीजों पर गौर किया जाना चाहिए.
राजेश भूषण का कहना है कि राज्यों को अपने यहां नए मामले मिलने और पॉजिटिविटी रेट के ट्रेंड का रिव्यू करने के बाद ही कोरोना के प्रतिबंधों को हटाने या जारी रखने का फैसला लेना चाहिए.
खत्म हुआ अनिवार्य क्वारंटाइन नियम:
हालांकि केंद्र सरकार का कहना है कि समीक्षा के बाद अगर जरूरत पड़े तो राज्य अतिरिक्त प्रतिबंधों को हटा सकते हैं. दुनियाभर में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए नियमों की समीक्षा हुई है. और अब जैसे-जैसे स्थिति बदल रही है, इन नियमों में भी बदलाव किया जा रहा है.
आपको बता दें कि इसी के आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए 10 फरवरी 2022 से नए नियम लागू किए, जिसके मुताबिक विदेश से आने वाले यात्रियों को अनिवार्य रूप से क्वारंटाइन में रहने की जरूरत नहीं है.
अपनाएं टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-वैक्सीनेशन नियम:
स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को अपने यहां आ रहे कोरोना मामलों पर नजर रखने के लिए कहा है. उनका सुझाव है कि सभी राज्यों को अब 5 स्टेप नीति- टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, वैक्सीनेशन और रेगुलेशन. इसके तहत राज्यों को चाहिए कि वे लगातार कोरोना के मामलों के लिए टेस्टिंग करते रहें.
टेस्ट के बाद कोरोना संक्रमित मरीजों को ट्रैक करें और उनका ट्रीटमेंट किया जाए. साथ ही, वैक्सीनेशन पर पूरा फोकस होना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन मिल जाए. और स्थिति के हिसाब से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राज्य नियम भी लागू कर सकते हैं.
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