scorecardresearch

वैक्सीन की बूस्टर डोज़ पर आज NTAGI की बैठक, इन लोगों को पहले दी जा सकती है बूस्टर डोज़

अभी के लिए बूस्टर खुराक का मुद्दा एजेंडा में नहीं है, क्योंकि इसकी अभी इसकी जरूरत का पता लगाने के लिए अध्ययन किए जा रहे हैं. छह दिसंबर को होने वाली एनटीएजीआई की बैठक में कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को कोविड-19 की अतिरिक्त खुराक देने के मुद्दे पर विचार किया जाएगा.’

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
हाइलाइट्स
  • टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) की आज होगी बैठक

  • कोविड-19 रोधी टीके की ‘अतिरिक्त’ खुराक देने पर विचार किया जाएगा.

टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) की छह दिसंबर को होने वाली बैठक में कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों को कोविड-19 रोधी टीके (Covid-19 Vaccine) की ‘अतिरिक्त’ खुराक देने के मुद्दे पर विचार किया जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक, टीके की एक अतिरिक्त खुराक बूस्टर खुराक (Covid-19 Booster Dose) से अलग होती है. राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई), टीकाकरण से जुड़े हुए मामलों पर सलाह देता है.

दोनों टीका लगा चुके लोगों को लगेगा बूस्टर डोज़

एसआईआई में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को एक अर्जी में कहा था कि ब्रिटेन के औषधि एवं स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद नियामक एजेंसी ने पहले ही एस्ट्राजेनेका सीएचएडीओएक्स1 एनसीओवी-19 टीके के बूस्टर खुराक को मंजूरी दे दी है. उन्होंने साथ ही यह भी जिक्र किया कि भारत में कोविशील्ड की कोई कमी नहीं है और नये स्वरूपों के सामने आने के मद्देनजर बूस्टर खुराक की मांग उन लोगों के लिए है जो पहले से ही दो खुराक ले चुके हैं.

बूस्टर खुराक की जरूरत का किया जा रहा अध्ययन

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘अभी के लिए बूस्टर खुराक का मुद्दा एजेंडा में नहीं है, क्योंकि इसकी अभी इसकी जरूरत का पता लगाने के लिए अध्ययन किए जा रहे हैं. छह दिसंबर को होने वाली एनटीएजीआई की बैठक में कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को कोविड-19 की अतिरिक्त खुराक देने के मुद्दे पर विचार किया जाएगा.’ ऐसी श्रेणी में कैंसर का इलाज कराने वाले रोगी, प्रत्यारोपण करा चुके रोगी, एड्स रोगी आदि आते हैं और उनकी प्रतिरक्षा में सुधार के लिए टीके की अतिरिक्त खुराक (तीसरी खुराक) की जरूरत होती है.

विशेषज्ञों ने कहा कि ओमीक्रोन जैसे नये स्वरूपों के उभरने के बावजूद, टीकाकरण बीमारी और संक्रमण से सुरक्षा के सबसे मजबूत तरीकों में से एक है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हालांकि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि मौजूदा टीके सार्स-सीओवी-2 के ओमीक्रोन स्वरूप पर काम नहीं करते हैं, हालांकि सामने आये कुछ म्यूटेशन टीके की प्रभावशीलता को कम कर सकते हैं. साथ ही विशेषज्ञ इस बात पर भी काम कर रहे हैं कि कौन से बच्चों को पहले टीका लगाया जाए. इस लिस्ट में कैंसर के इलाज, प्रत्यारोपण के मामलों और कम प्रतिरक्षा वाले बच्चों को पहले टीका लगाए जाने की उम्मीद है.