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कैसे हो रहा है Omicron से संक्रमित मरीजों का इलाज, देखिए कोविड वार्ड के अंदर से स्पेशल रिपोर्ट

स्पताल में मरीजों का 24 घंटे ध्यान रखा जा रहा है. यहां पर हर मरीज को वन टू वन डॉक्टर का ट्रीटमेंट दिया जा रहा है.और जिन पेशेंट्स में Omicron का संक्रमण पाया गया है उनका खास ध्यान रखा जा रहा है. 

Omicron संक्रमितों का इलाज Omicron संक्रमितों का इलाज
हाइलाइट्स
  • एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती हुए 135 मरीज में से 105 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं. 

  • यहां पर हर मरीज को वन टू वन डॉक्टर का ट्रीटमेंट दिया जा रहा है.

दिल्ली में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती नजर आ रही है. हर दिन पॉजिटिविटी रेट में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. ऐसे में आने वाले समय में लापरवाही और भी घातक साबित हो सकती है. बिगड़ते हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में जहां शुरुआती तौर पर ओमिक्रॉन से संक्रमित लगभग 135 मरीज भर्ती हुए थे, अब इन मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. इन सबके बीच एलएनजेपी अस्पताल से एक राहत की खबर है. दरअसल अस्पताल में भर्ती हुए 135 मरीज में से 105 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं. 

साल की शुरुआत में लिए एक अच्छी खबर तो है ही लेकिन साथ ही साथ इसके पीछे एक स्पेशलाइज डॉक्टर्स के पूरी टीम की मेहनत है. यह पता होने के बावजूद ओमिक्रॉन वेरिएंट, डेल्टा वेरिएंट से कई गुना ज्यादा संक्रमण फैला सकता है, फिर भी ये डॉक्टर्स की टीम लगातार अपना काम कर रही है. ऐसे में जीएनटी की टीम ने एलएनजेपी अस्पताल के बनाए गए रामलीला मैदान के कोविड-19 और ओमिक्रॉन वार्ड में जाकर डॉक्टरों से बात की। साथ ही उनसे जाना कि कैसे वे मरीजों का इलाज कर रहे हैं. 

Omicron के मरीजों का कैसे हो रहा है इलाज

रामलीला मैदान में बनाए गए अस्पताल में मरीजों का 24 घंटे ध्यान रखा जा रहा है. यहां पर हर मरीज को वन टू वन डॉक्टर का ट्रीटमेंट दिया जा रहा है.और जिन पेशेंट्स में Omicron का संक्रमण पाया गया है उन्हें अंडर ऑब्जर्वेशन रखते हुए उनका खास ध्यान रखा जा रहा है. 

*सबसे पहले पेशेंट का vital check up किया जाता है. उसके बाद यदि मरीज का ऑक्सीजन लेवल 90 से कम हुआ तो उनके लिए तुरंत ऑक्सीजन की व्यवस्था की जाती है. 

*फिर इसके बाद मरीज की हालत को देखते हुए उसकी जांच करने के बाद उसे जरूरी एंटीबायोटिक के डोज दिए जाते हैं.  

*कई बार omicron से संक्रमित मरीजों में लक्षण नहीं दिखाई पड़ने पर उनका सिटी स्कैन किया जाता है और साथ ही साथ चेस्ट x-ray भी लिया जाता है. 

*इसके बाद पेशेंट्स को जरूरी एंटीबायोटिक और शरीर में डिहाइड्रेशन की मात्रा कम करने के लिए जरूरी दवाइयां सलाइन के जरिए दी जाती हैं. 

*हर पेशेंट का प्रतिदिन ब्लड टेस्ट भी किया जाता है. 

*जैसे-जैसे पेशेंट की हालत सुधरती जाती है उनके दवा के डोज भी कम कर दिए जाते हैं. 

*इसके बाद पेशेंट की लगातार मॉनिटरिंग की जाती है. सब कुछ ठीक होने के बाद ही पेशेंट को फिर आइसोलेशन के लिए भेज दिया जाता. 

जीएनटी की टीम ने उन टीम मेंबर्स से भी बात की जो पेशंट का ख्याल रखते हैं. यह वह लोग हैं जो पेशेंट का सुबह के नाश्ते से लेकर रात के खाने तक का ध्यान रखते हैं. ऐसे वक्त में जब ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक हैं, यह पूरी टीम अपनी जान की परवाह किए बिना पेशेंट का ध्यान रखती है.