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एक्सरसाइज जितना ही कारगर हो सकता है रोज चलना! Physical Activity Guidelines में बदलाव करने की हो रही है बात

Steps Tracking vs Exercise: स्टेप्स ट्रैकिंग और टाइम के हिसाब से एक्सरसाइज करना दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं. एक्सरसाइज की तुलना में कदमों की गिनती मापना आसान है.

Steps Tracking (Photo/Unsplash) Steps Tracking (Photo/Unsplash)
हाइलाइट्स
  • फिजिकल एक्टिविटी के लिए समय दें

  • स्टेप ट्रैकिंग कर रहे हैं लोग 

कई लोगों को एक्सरसाइज करने का या तो टाइम नहीं मिलता है या फिर उन्हें आलस आता है. लेकिन ऐसे लोगों के लिए खुशखबरी है! चलना भी आपके लिए एक्सरसाइज जितना ही फायदेमंद है. हाल ही में हुई एक स्टडी में पता चला है कि चलना एक्सरसाइज करने जितना ही फायदेमंद हो सकता है. और अगर एक स्पेसिफिक टाइम देकर वॉक की जाए और फिर अपने स्टेप्स ट्रैक किए जाएं तो ये और भी फायदेमंद है. अब इस स्टडी के बाद वैज्ञानिक भी फिजिकल एक्टिविटी गाइडलाइन में बदलाव करने की बात कर रहे हैं.  

फिजिकल एक्टिविटी के लिए समय दें

हमें अक्सर कहा जाता है कि दिन का कुछ हिस्सा शारीरिक गतिविधि या किसी भी फिजिकल एक्टिविटी के लिए देना चाहिए. अलग-अलग बीमारियों और इन्फेक्शन के जोखिम को कम करने, लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए फिजिकल एक्टिविटी बहुत जरूरी है. नेशनल हेल्थ सर्विस के अनुसार, वयस्कों को रोजाना किसी न किसी प्रकार की शारीरिक गतिविधि में शामिल होना चाहिए. 19 से 65 साल की उम्र के लोगों के लिए, हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट की मीडियम स्पीड वाली फिजिकल एक्टिविटी या 75 मिनट की तेज स्पीड वाली एक्टिविटी की सलाह दी जाती है.

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स्टेप ट्रैकिंग कर रहे हैं लोग 

दरअसल, टेक्नोलॉजी के आ जाने से कई लोगों के पास अब स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच और फिटनेस ट्रैकर जैसे डिवाइस आ गए हैं. इन डिवाइस की मदद से आप अपने स्टेप्स को दैनिक रूप से ट्रैक कर सकते हैं. 

इसे लेकर हुई स्टडी में सामने आया कि दिन भर की जाने वाली फिजिकल एक्टिविटी से मौत और हार्ट अटैक का जोखिम कई हद तक कम हो गया है. फिजिकल एक्टिविटी न करने वाले लोगों के बजाय फिजिकल एक्टिविटी करने वाले लोग ज्यादा स्वस्थ पाए गए. 
स्टेप्स ट्रैक करना ज्यादा आसान है 

बीडब्ल्यूएच के डिविजन ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन के प्रमुख लेखक रिकुटा हमाया ने बताया कि स्टेप्स ट्रैकिंग और टाइम के हिसाब से एक्सरसाइज करना दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं. एक्सरसाइज की तुलना में कदमों की गिनती मापना आसान है. यानि आधा घंटा वॉक करते हुए अपने स्टेप्स को ट्रैक करना, आधा घंटा एक्सरसाइज करते हुए उसकी स्पीड ट्रैक करने से ज्यादा आसान है.  

दिशानिर्देशों में बदलाव की जरूरत 

डॉ. रिकुटा हमाया ने फिजिकल एक्टिविटी गाइडलाइन में बदलाव करने की भी बात कही है. कुछ लोगों के लिए, विशेष रूप से युवा व्यक्तियों के लिए, टेनिस, फुटबॉल, पैदल चलना या जॉगिंग जैसी एक्टिविटी को कदमों से आसानी से ट्रैक किया जा सकता है. 

गौरतलब है कि इस स्टडी में 14,399 स्वस्थ महिलाओं का डेटा लिया गया था. 2011 और 2015 के बीच, 62 साल और उससे ज्यादा उम्र की महिलाओं ने अपनी फिजिकल एक्टिविटी को रिकॉर्ड करने के लिए लगातार सात दिनों तक डिवाइस पहनें. औसतन, ये महिलाएं हर सप्ताह 62 मिनट की मीडियम से तेज वाली फिजिकल गतिविधि में लगी रहीं और हर दिन 5,183 कदम चलीं. नौ साल में, लगभग 9% प्रतिभागियों की मृत्यु हो गई थी, और लगभग 4% को दिल की बीमारी हो गई. जो लोग शारीरिक रूप से सबसे ज्यादा एक्टिव थे उनमें मौत या दिल की बीमारी के मामले सबसे कम आए.