दिल्ली में मानसून की एंट्री हुई तो बारिश इतनी हुई की 11 लोगों की जान भी चली गई. हालांकि इस हफ्ते उमस वाली तेज गर्मी से लोग दो-चार हो सकते हैं. यानी बारिश अभी नहीं होगी और उमस बढ़ेगी. पूर्वानुमान यह कहता है कि कई इलाकों में हल्की छिटपुट बारिश होगी और जैसे ही बारिश कम होगी तापमान बढ़ेगा.
रुक रुक कर हो रही यह बारिश जल जनित बीमारियों यानी डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी मौसमी बीमारियों का खतरा पैदा करती है. राजधानी दिल्ली में डेंगू एक बड़ी समस्या है. जगह-जगह पर पानी जमा है जिससे उसमें डेंगू मच्छरों के लार्वा पैदा होने का बड़ा खतरा है तो बारिश के दौरान कई बार जलभराव ज्यादा होने पर सप्लाई वाले पानी में गंदा पानी मिक्स होने लगता है लिहाजा दूषित पानी से बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.
बढ़ रहे हैें डेंगू के आंकड़े
दिल्ली में जुलाई के अंत में या अगस्त के शुरू में डेंगू का सीजन शुरू माना जाता है. देश और दिल्ली में हर साल डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले बारिश के दिनों में ही तेजी से बढ़ते हैं. अगर दिल्ली में इस साल 1 जनवरी से अब तक अभी तक 240 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. बारिश से डेंगू के मामलों में जुलाई के अंत तक डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी होने की आशंका है.
2020 में कोविड के दौरान डेंगू के 1000 से अधिक मामले आए थे लेकिन उसके बाद 2021 में डेंगू के मामले 9000 से ऊपर आए और 23 लोगों की जान चली गई 2022 में 4000 से ज्यादा कैसे आए और 9 की मौत हो गई पिछले साल 7000 से अधिक मामले आए और 7 की मौत की पुष्टि हुई.
MCD स्कूली बच्चों को डेंगू होमवर्क कार्ड
एमसीडी के अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम के सभी स्कूलों के बच्चों को डेंगू होमवर्क कार्ड दिया गया है जिसके तहत बच्चे साप्ताहिक अपने घरों में गमले में जांच करेंगे कि कहीं पानी इकट्ठा तो नहीं है कहीं मच्छर पैदा होने की कोई संभावना तो नहीं है और उसका बुरा कार्ड में लिखकर स्कूल में जमा करेंगे जहां पर मच्छरों के पैदा होने की संभावनाएं होती हैं वहां पर दवाइयां का छिड़काव किया जा रहा है. सफदरजंग अस्पताल के प्रिवेंटिव कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर निदेशक डॉ. जुगल किशोर ने बताया कि डेंगू जैसी जल जनित बीमारी से बचना है तो नियमित तौर पर वो जगह साफ करें जहां पानी जमा होने का खतरा है और अपना बचाव करें.
एमसीडी के सीनियर पब्लिक हेल्थ ऑफीसर ने कहा कि डेंगू फैलने का एकमात्र ट्रांसमिशन मच्छर ही है लिहाजा जागरूकता और बचाव ही इससे बचने का सबसे बड़ा उपाय है. अभी तक दिल्ली में DEN 2 स्ट्रेन ही मिला है. हालांकि DEN 1 और DEN 3 संक्रमण में ज्यादा फैलाव करते हैं.
(राम किंकर सिंह की रिपोर्ट)