
जल्द ही देश को नेजल वैक्सीन (Nasal Vaccine) मिल सकती है. इसे बूस्टर डोज के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने शुक्रवार को भारत बायोटेक की इंट्रानेजल वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर इस्तेमाल के लिए ट्रायल की अनुमति दे दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन ट्रायल्स के नतीजे अगर जल्दी आ जाते हैं तो देश को मार्च में इंट्रानेजल बूस्टर वैक्सीन मिलने की उम्मीद है. गौरतलब है कि दिसंबर के मध्य में, फर्म ने अपनी इंट्रानेजल बूस्टर डोज के लिए क्लीनिकल ट्रायल्स करने की अनुमति मांगी थी.
Drugs Controller General of India (DCGI) gives permission to BharatBiotech for intranasal booster dose trials. #COVID19 pic.twitter.com/b2NEo5utfQ
— ANI (@ANI) January 28, 2022
5,000 लोगों को शामिल किया जाएगा क्लीनिकल ट्रायल्स में
आपको बताते चलें, हैदराबाद स्थित फर्म ने उन लोगों के लिए बूस्टर शॉट का प्रस्ताव दिया है, जिन्हें पहले ही कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाई जा चुकी है. भारत बायोटेक का लक्ष्य 5,000 लोगों पर क्लीनिकल ट्रायल्स करना है. इसमें 50 प्रतिशत कोविशील्ड वाले और 50 प्रतिशत कोवैक्सीन वाले लोगों को शामिल किया जाएगा. सूत्रों के अनुसार, दूसरी डोज और बूस्टर खुराक के बीच छह महीने का गैप होगा.
कोविशील्ड और कोवैक्सीन के मार्किट यूज़ के लिए भी मंजूरी
इस बीच, गुरुवार को, भारत की ड्रग रेगुलेटरी बॉडी ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन के उपयोग के लिए नियमित रूप से बाजार की मंजूरी भी दे दी है. दोनों कोविड-19 वैक्सीन जल्द ही दुकानों पर उपलब्ध होंगी. हालांकि लोग उन्हें अस्पतालों और क्लीनिकों से खरीद सकेंगे.
बता दें, दोनों टीकों की बाजार में बिक्री को न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल रूल्स, 2019 के तहत मंजूरी दी गई है. धीरे-धीरे, निजी अस्पतालों में जो वैक्सीन पहले बेची जा रही थी, उससे कम कीमत पर बाजार में वैक्सीन उपलब्ध हो सकेगी.
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