ज्यादातर लोगों का काम सीधा बैठने का है. ऑफिस में बैठने से लेकर लंबे सफर में गाड़ी में बैठने तक हम कई बार घंटों-घंटों सीधा बैठे रहते हैं. लेकिन बहुत देर तक बैठे रहने से आप कई सारी बीमारियों का शिकार हो सकते हैं. जब आप लंबे समय तक एक ही जगह बैठ रहते हैं तो शरीर में खून के थक्के जमने की संभावना बढ़ जाती है. कोई भी यात्री जो प्लेन, कार, बस या ट्रेन सहित किसी भी वाहन में चार घंटे से ज्यादा समय बिताता है, उसे डीप वेन थ्रोम्बोसिस (डीवीटी) होने की आशंका होती है. इस बीमारी में शरीर में खून के थक्के बन जाते हैं.
कितना खतरनाक हो सकता है थ्रोम्बोसिस?
किसी भी व्यक्ति के शरीर में ब्लड क्लॉटिंग हो सकती है. चार घंटे से ज्यादा यात्रा करना फिर चाहे वह प्लेन में हो, ऑटोमोबाइल में हो, बस या ट्रेन में हो खतरनाक है. इस यात्रा के दौरान आपके पैरों की पिंडली की नसों में ब्लड क्लॉटिंग हो सकती है क्योंकि आप लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहते हैं. हालांकि, ज्यादा गंभीर स्थिति तब बन जाती है जब ब्लड क्लॉट्स का एक हिस्सा टूट जाता है और फेफड़ों तक चला जाता है. इसे पल्मोनरी एम्बोलिज्म कहा जाता है.
कब बढ़ बढ़ती है ये परेशानी ज्यादा?
-मोटापा
-40 साल की उम्र के बाद जो.खिम बढ़ जाता है.
-हाल की सर्जरी या चोट (3 महीने के भीतर) के बाद जोखिम बढ़ जाता है.
-एस्ट्रोजन कंटेनिंग कॉन्ट्रासेप्टिव खाने से.
-हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी
-प्रेग्नेंसी और बच्चे के जन्म के 3 महीने बाद तक
-पिछला कोई ब्लड क्लॉटिंग का केस या फैमिली में इसकी कोई हिस्ट्री
-एक्टिव कैंसर या हाल ही में कैंसर का इलाज
कैसे करें लक्षणों को पहचान?
थ्रोम्बोसिस से पीड़ित लगभग 50% लोगों में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं. शरीर के प्रभावित हिस्से, जिसमें पैर, बांह या फेफड़ों में होने वाले थक्कों के सबसे आम लक्षण पैर या बांह में सूजन, दर्द, पल्मोनरी एम्बोलिज्म होते हैं.
कैसे बचाएं खुद को?
लंबी यात्राओं में अपने पैरों को बार-बार हिलाएं और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने के लिए अपनी पिंडली की मांसपेशियों की एक्सरसाइज करें. इसके अलावा, अगर आप लंबे समय से बैठे हैं, तो अपने पैरों को फैलाने के लिए थोड़ा ब्रेक लें. दोनों घुटनों को छाती की ओर ऊपर खींचें और इसे अपने हाथों से अपने निचले पैर पर 15 सेकंड के लिए रखें, और लंबे समय तक अगर पैरों का कोई मूवमेंट नहीं हुआ है तो इस दौरान ऐसा 10 बार करने से पैरों में ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है.
अगर आपको ऐसा कुछ भी महसूस हो तो इसके लिए अपने डॉक्टर से बात करें.