दिल्ली सरकार ने भारत की आजादी के शताब्दी वर्ष, दिल्ली@2047 की तैयारी शुरू कर दी है. दिल्ली सरकार आने वाले इन कुछ सालों में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए काम करने वाली है. इसमें 2047 तक 11 नए अस्पताल से लेकर महिलाओं से जुड़ी समस्याओं पर काम किया जाएगा. साथ ही गर्भवती महिलाओं में एनीमिया को कम करने का प्रयास किया जाएगा.
क्या कहा गया है रिपोर्ट में
दिल्ली सरकार के अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, शहर-राज्य में जन्म के समय लिंगानुपात 2019 में 920 से बढ़कर 2020 में प्रति 1,000 पुरुषों पर 933 महिलाओं तक पहुंच गया है. ठीक ऐसे ही 2024 में 935, 2025 में 936, 2026 में 938, 2027 में 939, 2032 में 942, 2037 में 944 और 2047 में 945 पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है.
बच्चों की मृत्यु
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि जननी सुरक्षा योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन जैसी पहल के कारण पिछले कुछ सालों में इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी की संख्या में वृद्धि हुई है. पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर का सवाल है, वो वर्तमान में दिल्ली में 15.14 है, सरकार को उम्मीद है कि 2047 तक ये शून्य हो जाएगी.
अधिकारी ने कहा कि हमारा लक्ष्य गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण की चुनौतियों का समाधान करना है. मौजूदा कानून को ही अगर बेहतर तरीके से लागू किया जाए तो महिला सशक्तिकरण में निवेश से लिंग अंतर को कम करने में मदद मिलेगी. हालांकि, अधिकारी ने यह भी कहा कि शहर में अस्पतालों और नर्सिंग होम और बढ़ाने की जरूरत है.
बनाए जाएंगे 11 नए अस्पताल
इसके लिए दिल्ली सरकार 11 नए अस्पतालों को बनाने की योजना बना रही है. इसके अलावा, मौजूदा अस्पतालों का विस्तार करने की योजना भी बना रही है. सरकार जिन अस्पतालों को बनाने वाली है उनमें चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय एनेक्सी में 610 बेड होने वाले हैं. वहीं जीटीबी हॉस्पिटल में 1,912 बेड, गुरु गोबिंद सिंह हॉस्पिटल में 1,565. और सिरसपुर में 1,164 बेड, ज्वालापुरी में 691 बेड, मादीपुर में 691, हस्तसाल में 691, शालीमार बाग में 1,430, सुल्तानपुरी में 525, सरिता विहार में 336 और किरारी में 485 बेड बनाने की योजना है.
महिलाओं में एनीमिया पर भी देगी ध्यान
राज्य सरकार गर्भवती महिलाओं में एनीमिया पर भी ध्यान देगी. साल 2021 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, शहरी भारत में 45.7% और ग्रामीण क्षेत्रों में 54.3% गर्भवती महिलाओं में 15-49 वर्ष की आयु की गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित पाई गई हैं. दिल्ली में, यह आंकड़ा कुल मिलाकर 42% है. जिसे राज्य सरकार 2025 में 39%, 2027 में 36% और 2047 तक 30% से कम करना चाहती है.