दिल्ली एम्स में भारत की पहली स्मार्ट टेस्टिंग लैब खोली गई है, जो एक दिन में 90 हजार टेस्ट करने में सक्षम है. ये स्मार्ट लैब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी की मदद से चलाई जा रही है. ये लैब पूरी तरह से ऑटोमेटेड है. कम समय में बेहतर रिजल्ट और पेपरलेस रिजल्ट पाने के लिए इस लैब को बनाया गया है.
मरीजों का समय बचाएगी ये स्मार्ट लैब
दिल्ली एम्स में भारत के कोने-कोने से लोग इलाज के लिए आते हैं. अक्सर लोगों को लंबी कतारों में लगना पड़ता है. पहले डॉक्टर के अपॉइंटमेंट का वेट करना पड़ता है, फिर दो-तीन दिन तक टेस्ट के नतीजे और रिपोर्ट के लिए चक्कर लगाने पड़ते हैं. मगर स्मार्ट लैब के खुलने के बाद मरीज एक ही दिन में डॉक्टर को दिखाकर अपनी रिपोर्ट लेकर घर जा सकते हैं.
AI की मदद से रिजल्ट टाइम को किया कम
अमूमन पहले एक टेस्ट के होने और उसके रिजल्ट आने में लगभग 30 से 40 घंटे का समय लगता था. मगर इस स्मार्ट लैब के खुलने के बाद 12 घंटे के अंदर ही मरीज की रिपोर्ट सानी से ऑनलाइन मिल सकती है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिथ्म की मदद से टेस्टिंग स्पीड बढ़ाई गई है और एडवांस तरीके से सटीक रिपोर्ट जनरेट की जा रही है.
अब हॉस्पिटल के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर
अगर किसी मरीज को डॉक्टर 5 से 6 टेस्ट लिख कर देते हैं, तो मरीज को अलग-अलग डिपार्टमेंट में जाकर वह टेस्ट करवाने पड़ते थे. इसके बाद उनका रिजल्ट लेने के लिए भी इधर-उधर भागना पड़ता था. मगर इस स्मार्ट लैब में एक ही जगह पर सैंपल कलेक्ट किया जाता है. इतना ही नहीं टेस्ट के रिजल्ट के लिए भी मरीज को वापस चक्कर नहीं लगाने पड़ते. ऑनलाइन टेस्ट की रिपोर्ट को देखा जा सकता है. इस स्मार्ट लैब में 50% सैंपल के रिजल्ट की रिपोर्ट मरीजों को 3 से 4 घंटे के बीच में मिल रही है.
24 घंटे चलती है ये स्मार्ट लैब
दिल्ली एम्स की ये स्मार्ट लैब 24 घंटे खुली रहती है. हॉस्पिटल में सैंपल कलेक्शन टाइम को भी बढ़ाया है. पहले केवल सुबह के 8:00 बजे से दिन के 12:30 बजे तक ही टेस्ट सैंपल लिए जाते थे, मगर अब इस टाइम को बढ़ाकर सुबह के 8:00 बजे से शाम के 6:30 बजे तक कर दिया गया है. इसकी मदद से मरीज सुबह की ओपीडी में डॉक्टर से सलाह लेकर दिन में टेस्ट करके शाम को अपना रिजल्ट दोबारा डॉक्टर को दिखा सकते हैं और एक ही दिन में अपने घर वापस जा सकते हैं.