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बाढ़ के बाद दिल्ली में अचानक से बढ़ रहे Conjuctivitis के मामले...क्या होते हैं इसके लक्षण, कैसे करें बचाव, जानिए

इस साल मानसून के दौरान आई बारिश ने दिल्ली सहित कई राज्यों का हाल बेहाल कर दिया. यमुना सहित कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया. सिर्फ इतना ही नहीं, बाढ़ के कारण कई मानसूनी बीमारियों ने भी जन्म ले लिया है, जिनमें से एक 'कंजंक्टिवाइटिस' है.

Conjunctivitis Conjunctivitis

इस साल मानसून के मौसम ने दिल्ली एनसीआर को ठप कर दिया. यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से शहर के कई प्रमुख इलाकों में जलभराव देखा गया. सिर्फ डेंगू ही नहीं, दिल्ली और गुजरात के कुछ हिस्सों में कंजंक्टिवाइटिस (Conjuctivitis) के मामलों में अचानक वृद्धि देखी जा रही है. यमुना नदी के किनारे स्थित क्षेत्रों के आसपास की स्थिति ज्यादा बिगड़ी हुई है.

क्या है इसका कारण?
शहर के विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टरों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से 10 दिनों के दौरान मामलों में अचानक उछाल आया है. मैक्स अस्पताल के नेत्र विज्ञान विभाग के एचओडी डॉ. संजय धवन ने टाइम्स ऑफ इंडिया ने कहा, "औसतन, मैं हर दिन 4-5 मामले देख रहा हूं. यह इस समय एक गंभीर महामारी की तरह है. यह बारिश में होता है और आमतौर पर हर दो साल में इस तरह की लहर देखी जाती है. पिछले कुछ सालों में ऐसा नहीं हुआ क्योंकि लोग सावधानी बरत रहे थे और कोविड -19 के कारण दूरी बनाए हुए थे, लेकिन इस साल यह संख्या बहुत बड़ी है. साथ ही, पिछले कुछ सालों में उतनी बारिश भी नहीं हुई, जितनी इस साल हो रही है." एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंजंक्टिवाइटिस वैसे तो कोई जानलेवा संक्रमण नहीं है. हालांकि यह आंखों को नुकसान पहुंचाता है, इसलिए लोगों को इसे सीरियसली लेना चाहिए. कंजंक्टिवाइटिस 5-6 दिनों तक रह सकता है. इसे 'पिंक आई' इन्फेक्शन के नाम से भी जाना जाता है. ज्यादातर लोग मानते हैं कि यह बीमारी आई कॉन्टैक्ट करने से फैलती है. जबकि डॉक्टर का कहना है कि ये न तो हवा के जरिए फैलती है और ना ही आई कॉन्टैक्ट करने से फैलती है. कंजंक्टिवाइटिस किसी को तब प्रभावित करता है, जब वो किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों का इस्तेमाल करता है. 

आकाश हेल्थकेयर के नेत्र विभाग के एचओडी, डॉ प्रशांत चौधरी ने कहा, ''इस बार, संक्रमण अधिक गंभीर हो गया है, जो झिल्ली निर्माण और रक्तस्राव (blood clot) से जुड़ा है. मामलों में इस वृद्धि को मौसम की स्थिति, क्लीनिंग हैबिट्स में बदलाव या drug resistant strains के पैदा होने का जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.''

क्या होता है कंजक्टिवाइटिस?
हमारी आंखों में एक पारदर्शी पतली झिल्ली, कंजक्टिवा होती है जो हमारी पलकों के अंदरूनी और आंखों की पुतली के सफेद भाग को कवर करती है, इसमें सूजन आने या संक्रमित होने को कंजक्टिवाइटिस या आंख आना कहते हैं. जब कंजक्टिवा की छोटी-छोटी रक्त नलिकाएं सूज जाती हैं, तब ये अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगती हैं और आंखों का सफेद भाग लाल या गुलाबी दिखने लगता है इसलिए इसे पिंक आई भी कहा जाता है. कंजक्टिवाइटिस की समस्या आंखों में बैक्टीरिया या वायरस के संक्रमण या एलर्जिक रिएक्शन के कारण हो सकती है.

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?
कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित व्यक्ति की आंखों का सफेद हिस्सा पूरी तरह से गुलाबी और लाल हो जाता है. इस दौरान आंखों में खुजली और दर्द होता है और लगातार पानी निकलता है. कभी-कभार विज़न ब्लर भी हो सकता है. आंखें सूज जाती है. इस बीमारी का आंखों की रोशनी पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है, हालांकि आपको कुछ समय के लिए धुंधला जरूर दिखाई दे सकता है. 

कैसे करें बचाव?
बार-बार हाथ धोएं
आंखों को न छुएं
तौलिए, रूमाल या बिस्तर शेयर न करें
कॉन्टैक्ट लेंस से बचें
खुद से कोई दवाई, ड्राप आदि न लें
सार्वजनिक स्थानों, विशेषकर सार्वजनिक स्विमिंग पूल से बचें.
संक्रमिक व्यक्ति की किसी भी चीज का इस्तेमाल न करें

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