
केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली के प्रदूषण पर चिंता जताई है. उन्होंने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि दिल्ली में प्रदूषण बहुत ज्यादा है और इससे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है. गडकरी ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की वजह से एक नागरिक की औसत आयु 10 साल कम हो रही है.
उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली और मुंबई दोनों महानगर प्रदूषण के रेड ज़ोन में हैं. गडकरी ने पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं का तत्काल समाधान करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने पिछले साल भी कहा था कि बढ़ते प्रदूषण के कारण वह दिल्ली नहीं जाना चाहते. दिल्ली में प्रदूषण के कारण स्कूलों की छुट्टी कर दी गई थी और वाहनों पर रोक समेत कई तरह के नियम लागू किए गए थे.
राजधानी में बढ़ रहा प्रदूषण
टेक कंपनी आई क्यू एयर के अनुसार 18 नवंबर 2024 को दिल्ली में ए क्यू आई पर 1500 का प्रदूषण स्तर दर्ज किया गया था, जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से सांस लेने के लिए बताए गए सामान्य से 15 गुना ज्यादा था. सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली में प्रदूषण को लेकर चिंता जताई है और सरकार को कड़ी फटकार लगाई है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
गडकरी के बयान पर दिल्ली के पल्मोनोलॉजिस्ट, डॉ. विभू कवात्रा ने कहा, 'अगर प्रदूषित एरिया के अंदर आप रहते हैं तो आप एक तरीके से 10 से 15 सिगरेट्स रोज़ पी रहे हैं.' उन्होंने कहा कि दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों को बाल जल्दी सफेद होने, स्किन इश्यूस, आंखों की समस्याएं, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. प्रदूषण एक तरह से स्लो डेथ का कारण बन रहा है क्योंकि यह आपके शरीर के अंगों को प्रभावित कर रहा है.
वहीं, PSRI इंस्टिट्यूट ऑफ पल्मोनरी के चेयरमैन, डॉ. जीसी खिलनानी ने कहा कि एक शिकागो स्टडी के अनुसार दिल्ली में रहने वाले लोगों का जीवन का 10.9 वर्ष कम हो जाता है. उन्होंने कहा कि सरकार को प्रदूषण को कंट्रोल करने और उसे एक लिमिट के नीचे लाने की जरूरत है. साथ ही, जनता को भी ध्यान रखने क जरूरत है. हमें चाहिए कि हमें अपनी गाड़ियां कम चलानी चाहिए और पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा उपयोग करें.
लोगों का क्या कहना है
दिल्ली के एक नागरिक ने कहा कि ईवी गाड़ियों की कॉस्ट पेट्रोल और डीजल से बहुत ऊपर लाई जा रही है, जिससे आम आदमी के बजट में वो गाड़ियां नहीं आ रही हैं. दिल्ली में जनसंख्या बढ़ती जा रही है, तो उसके बारे में कुछ करना चाहिए. ईवी गाड़ियां आ जाएंगी, लेकिन ईवी गाड़ी से भी कोई सॉल्यूशन नहीं आएगा जब तक वे सस्ती नहीं होंगी.