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लगातार बढ़ रहे पॉल्यूशन से दिल पर पड़ रहा है गहरा असर, इन आसान टिप्स से कर सकते हैं पॉल्यूशन कंट्रोल

विशेषज्ञ डॉ. श्रीनिवास प्रसाद के मुताबिक वायु प्रदूषण फेफड़ों काफी हद तक प्रभावित करते हैं. दुनिया भर में 90% लोग प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं. इनमें सबसे ज्यादा वैसे क्षेत्र हैं जहां पर संसाधनों की कमी है. डॉ. श्रीनिवास के मुताबिक वायु प्रदूषण ही मृत्यु दर और विकलांगता का सबसे बड़ा कारक है.

 प्रदूषण प्रदूषण
हाइलाइट्स
  • मृत्यु दर और विकलांगता का सबसे बड़ा कारण

  • वायु प्रदूषण दुनिया भर में 90% लोग प्रदूषित हवा में ले रहे हैं सांस

दिल्ली में लगातार बढ़ रहे पॉल्यूशन परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं. लगातार पॉल्यूशन वाली जगह पर रहने से फेफड़ों पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है, और फेफड़ों में संक्रमण का सीधा असर शरीर के बाकी अंगो पर भी पड़ता है. इसलिए ये जरूरी है कि लगातार बढ़ते पॉल्यूशन को काबू किया जाए. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए जिन बातों पर ध्यान देने की जरूरत है आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं. 

मृत्यु दर और विकलांगता का सबसे बड़ा कारण वायु प्रदूषण

विशेषज्ञ डॉ. श्रीनिवास प्रसाद के मुताबिक वायु प्रदूषण फेफड़ों काफी हद तक प्रभावित करते हैं. दुनिया भर में 90% लोग प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं. इनमें सबसे ज्यादा वैसे क्षेत्र हैं जहां पर संसाधनों की कमी है. डॉ. श्रीनिवास के मुताबिक वायु प्रदूषण ही मृत्यु दर और विकलांगता का सबसे बड़ा कारक है. हवा में घुले सूक्ष्म कण काफी कम वक्त में  फेफड़ों पर गहरा और उल्टा असर डालते हैं. जिससे दिल के दौरे पड़ने का खतरा  1 से 3% तक बढ़ जाता है.  

ऐसा कर कर सकते हैं एयर पॉल्यूशन को कम

डॉ. श्रीनिवास ने आगे बताया कि वायु प्रदूषण से जुड़े हृदय रोगों ( heart diseases) के खतरों को काबू करने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए जाने की जरूरत है. इसमें सबसे ज्यादा जरूरी फेस मास्क पहनना और घरों में  एयर प्यूरीफायर लगाना शामिल है. दूसरा सही ईंधन का इस्तेमाल, और चौथा भीड़-भाड वाली जगहों पर जाने से बचना है. डॉ. श्रीनिवास ने इस बात पर जोर दिया कि दिल की बिमारी से बचने के लिए भीड़- भाड़ वाली जगहों में ना जाना और घर पर ही  व्यायाम करना सबसे मददगार साबित हो सकता है. 

खान पान में इन चीजों का इस्तेमाल मददगार साबित हो सकता है 

श्रीनिवास ने आगे बताया कि प्रदुषण के असर को कम करने के लिए इमयूनिटी पॉवर भी बेहद ही जरूरी है. इमयूनिटी बढ़ाने के लिए खान पान में खास ध्यान देने की जरूरत है. खान पान में विटामिन सी, बीटा कैरोटीन, ओमेगा -3 और विटामिन ई से भरपूर खाने की चिजों को को शामिल किया जा सकता है. गुड़ का इस्तेमाल भी एक बेहतर ऑप्शन माना जाता है. पौधे लगाकर भी वायु प्रदुषण के लेवल को कम किया जा सकता है.