
अधिकांश रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि शादीशुदा लोगों की जिंदगी कुंवारों से ज्यादा खुशहाल होती है. मैरिड कपल को अकेलापन नहीं सताता है. उनकी लाइफस्टाइल बेहतर होती है, इसलिए शादीशुदा लोगों की सेहत अच्छी रहती है. कई बीमारियां उनके पास तक नहीं फटकती हैं लेकिन हाल ही में किए गए एक नए शोध के नतीजे इसके बिल्कुल उलट आए हैं.
इस शोध में एक ऐसी भूलने की बीमारी के बताया गया है, जो कुंवारे की अपेक्षा शादीशुदा लोगों में अधिक होती है. जी हां, अमेरिका की फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में यह पाया है कि डिमेंशिया (Dementia) नामक बीमारी मैरिड कपल में ज्यादा होती है. आइए जानते हैं आखिर क्या है यह बीमारी और रिसर्च में क्या है?
क्या है डिमेंशिया
डिमेंशिया एक दिमाग से जुड़ी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति की मेमोरी लॉस होने लगती है. इस बीमारी में लोगों को अपने घर का रास्ता तक याद नहीं होता है. वे किसी चीज को रखकर अक्सर भूल जाते हैं. दिमाग में भ्रम पैदा होता है. निर्णय लेने की क्षमता खत्म हो जाती है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ डिमेंशिया की बीमारी भी बढ़ने लगती है. यह बीमारी धीरे-धीरे पीड़ित व्यक्ति के आचरण और मनभावों को भी प्रभावित करने लगती है. अल्जाइमर, वैस्कुलर डिमेंशिया, पार्किंसंस जैसे रोग डिमेंशिया की बीमारी के अंतर्गत आते हैं. हमारे देश में 40 लाख से ज्यादा लोग डिमेंशिया बीमारी से पीड़ित हैं. पूरी दुनिया में 5.5 करोड़ से अधिक लोग डिमेंशिया से पीड़ित हैं.
डिमेंशिया होने के प्रमुख कारण
1. स्ट्रोक.
2. ब्रेन डैमेज.
3. विटामिन्स की कमी.
4. ट्यूमर.
5. थायराइड.
6. हाइड्रोसिफलस.
7. कई बार उम्र बढ़ने के साथ भी यह बीमारी हो सकती है.
8. नशे की लत.
डिमेंशिया बीमारी के लक्षण और बचाव के उपाय
डिमेंशिया बीमारी के प्रमुख लक्षणों में से एक है किसी भी चीज को याद करने में मुश्किल आना. दूसरा लक्षण है सही निर्णय न ले पाना. तीसरा लक्षण है एक बार में कई सारे काम न कर पाना. चौथा लक्षण है किसी चीज को रख कर भूल जाना. पांचवां लक्षण है हमेशा कंफ्यूज महसूस करना. डिमेंशिया बीमारी से बचने के उपायों कि बात करें तो सबसे पहले व्यक्ति को अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करने चाहिए. योग और व्यायाम हर दिन करने चाहिए. ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखना चाहिए. ध्यान रखना चाहिए कि आपका वजन ज्यादा न बढ़ें. शराब और किसी भी तरह के धूम्रपान को तुरंत बंद कर देना चाहिए. डिमेंशिया से बचने के लिए हेल्दी भोजन करना चाहिए.
रिसर्च में हुआ ये खुलासा
फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने डिमेंशिया बीमारी को लेकर रिसर्स किया है. यह शोध अल्जाइमर असोसिएशन के अल्जाइमर एंड डिमेंशिया जनरल में छपी है. 24 हजार से ज्यादा अमेरिकी लोगों पर यह अध्ययन किया गया है. इन लोगों में इस रिसर्च के शुरुआत में डिमेंशिया बीमारी नहीं थी. इन लोगों की सेहत की 18 सालों तक निगरानी की गई. इन लोगों को 4 ग्रुप में बांटा गया था- पहला विवाहित, दूसरा अविवाहित, तीसरा तलाकशुदा और चौथा विधवा. शोध को शुरुआत में यह सामने आया कि विवाहित लोगों की तुलना में बाकी तीनों ग्रुप में डिमेंशिया की दरें कम थीं. हालांकि जब रिसर्ज में धूम्रपान, डिप्रेशन, सामाजिक संपर्क जैसे अन्य कारकों को भी जोड़ा गया, तब यह साफ हुआ कि जो लोग सिंगल, तलाकशुदा या विधवा या विधुर हैं, उनमें डिमेंशिया (मनोभ्रंश) का रिस्क 50 प्रतिशत कम है जबकि शादीशुदा लोगों में इसका खतरा अधिक दिखा.
मैरिड कपल क्यों हैं डिमेंशिया के ज्यादा शिकार
फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं के मुताबिक शादीशुदा लोगों के साथ उनके पार्टनर होते हैं. एक-दूसरे में मेमेरी से जुड़ी डिमेंशिया बीमारी होने पर वे इसके लक्षण जल्दी पहचान लेते हैं और तुरंत हेल्थ चेकअप करवाते हैं. ऐसे में विवाहित लोगों में बीमारी की पहचान जल्दी हो जाती है. उधर, अविवाहित यानी कुंवारे लोग हेल्थ चेक से बचते हैं और उनके व्यवहार में आए बदलाव कोई पकड़ नहीं पाता. रिसर्च में कहा गया है कि मैरिड लोग सोशल नहीं होते यानी वे अपने परिवार में ही उलझे रहते हैं.
बाहरी लोगों से मिलने-जुलने और सोशल मीडिया देखने का उनके पास समय ही नहीं होता है. ऐसे में लोगों से न घुलना-मिलना दिमाग की सेहत को प्रभावित करता है, जिससे उन्हें भूलने की बीमारी जल्दी हो सकती है. उधर, सिंगल लोग पार्टी करते हैं, दोस्तों के साथ घूमते हैं, वीकेंड को एंजॉय करते हैं. इससे उन्हें डिमेंशिया बीमारी होने का खतरा कम होता है. विवाहित लोगों के पास जिम्मेदारियां अधिक होती हैं. कई बार रिलेशनशिप के स्ट्रेस के कारण वे डिमेंशिया के गिरफ्त में आ जाते हैं. उधर, कुंवारे लोग टेंशन फ्री रहते हैं. उनकी मेंटल हेल्थ अच्छी रहती है. इसके कारण इन्हें डिमेंशिया होने का खतरा कम होता है.