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Depression का इलाज कर सकता है मानव मस्तिष्क के स्ट्रक्चर में फेरबदल, ब्रेन कनेक्टिविटी बढ़ाने में करता है मदद    

हाल ही में Depression ट्रीटमेंट से जुड़ी एक रिसर्च की गई है जिसमें मानव मस्तिष्क को लेकर कई बाते सामने आई हैं. इसमें कहा गया है कि Depression से निजात पाने के लिए जिस ट्रीटमेंट का इस्तेमाल किया जाता है वो आपके ब्रेन स्ट्रक्चर में फेरबदल कर सकता है. ये ब्रेन की रिवायरिंग और इसकी कनेक्टिविटी बढ़ाने में मदद करता है.

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हाइलाइट्स
  • मानव मस्तिष्क की संरचना पर उठते हैं सवाल 

  • इस ट्रीटमेंट ने दिमाग के बुनियादी ढांचे को बदल दिया 

इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हर 10 में से 3 इंसान डिप्रेशन का शिकार है. अब इसी कड़ी में एक रिसर्च की गई है जिसमें सामने आया है कि डिप्रेशन के ट्रीटमेंट से मानव मस्तिष्क को रिवायर किया जा सकता है. हालांकि, इस रिसर्च के बाद मानव मस्तिष्क के स्ट्रक्चर पर सवाल उठता है कि क्या इसकी संरचना इतनी ही कठोर है? जर्मनी में म्यूएनस्टर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च में दिखाया है कि डिप्रेसशन को ठीक करने के लिए जो ट्रीटमेंट किया जाता है, वो मानव मस्तिष्क की कनेक्टिविटी में वृद्धि कर सकता है. 

मानव मस्तिष्क की संरचना पर उठते हैं सवाल 

रिसर्च में आगे कहा गया कि जो मरीज इस ट्रीटमेंट में अच्छी प्रतिक्रिया देते हैं, उनके मस्तिष्क में ज्यादा कनेक्टिविटी दिखाई देती है. इस रिसर्च के बाद मस्तिष्क की संरचना पर सवाल खड़े होते हैं. ये सवाल मानव मस्तिष्क को लेकर उठते हैं कि क्या सच में हमारे दिमाग की संरचना कठोर होती है? या क्या हमारे मस्तिष्क में कुछ बदलाव करना इतना इतना ही मुश्किल होता है?  बता दें, ये अध्ययन ऑस्ट्रिया के विएना में यूरोपियन कॉलेज फॉर न्यूरो साइकोफार्माकोलॉजी कांग्रेस में प्रस्तुत किया गया है.

इस ट्रीटमेंट ने दिमाग के बुनियादी ढांचे को बदल दिया 

अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर जोनाथन रेपल ने कहा, "हमने पाया कि डिप्रेसशन के इलाज ने मस्तिष्क के बुनियादी ढांचे को बदल दिया है. जो पिछली कई रिसर्च से अलग परिणाम हैं. इलाज किए गए मरीजों ने इलाज से पहले दिखाए गए कनेक्शन की तुलना में अधिक संख्या में कनेक्शन दिखाए.” 

इसमें डिप्रेशन के 109 रोगियों को शामिल किया गया. जिसमें इन सबकी तुलना 55 स्वस्थ लोगों से की गई. उनके दिमाग को एक एमआरआई स्कैनर का उपयोग करके स्कैन किया गया था, जिसे यह पहचाना गया कि मस्तिष्क के कौन से हिस्से दूसरे हिस्सों के साथ संचार कर रहे हैं. डिप्रेशन के कुछ रोगियों का इलाज इलेक्ट्रोकोनवल्सी थेरेपी (ईसीटी) के साथ किया गया तो कुछ का मनोवैज्ञानिक चिकित्सा या दवा के साथ. इसमें से कुछ ऐसे भी थे जिनका इलाज इन दोनों ट्रीटमेंट से किया गया.