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Good News: कोरोना की तरह कैंसर की भी आएगी वैक्सीन, ट्यूमर को छोटा करने और बीमारी को रोकने में मिलेगी मदद

भारत भी कैंसर के लिए वैक्सीन बनाने में लगा हुआ है. भारत ने 24 जनवरी 2023 को सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए अपना पहला मेड-इन-इंडिया क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (qHPV) वैक्सीन ''CERVAVAC'' लॉन्च की थी.

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हाइलाइट्स
  • कोरोना वैक्सीन की तकनीक पर बनाई जा रही वैक्सीन

  • भारत भी इस रेस में शामिल

कैंसर के इलाज के लिए जल्द वैक्सीन आ सकती है. इसे लेकर बड़े स्तर पर रिसर्च जारी है. अध्ययन में जानकारी दी गई है कि कोरोना वैक्सीन की तरह ही इन टीकों को भी विकसित किया जा रहा है. जोकि कैंसर को वापस लौटने से रोकने में मददगार है. आने वाले 5 सालों में ये बाजार में उपलब्ध हो जाएंगे.

कैंसर के लिए बनाई जा रही वैक्सीन

न्यूयॉर्क के Weill Cornell Medicine के डॉ. स्टीव लिपकिन ने कहा कि कैंसर से होने वाली मौतों को कम करने में टीके शायद गेम चेंजर साबित होने वाले हैं. लिंच सिंड्रोम वाले लोगों में कैंसर विकसित होने का 60 प्रतिशत से 80 प्रतिशत जोखिम होता है. दवा निर्माता मॉडर्ना और मर्क संयुक्त रूप से मेलेनोमा के रोगियों के लिए एक एमआरएनए वैक्सीन विकसित कर रहे हैं. मेलेनोमा स्किन कैंसर का एक दुर्लभ रूप है जहां आस-पास के टिशूज पर आक्रमण होता है और यह अन्य प्रकार के त्वचा कैंसर की तुलना में शरीर के अन्य भागों में फैल जाता है.

कोरोना वैक्सीन की तकनीक पर बनाई जा रही वैक्सीन

ये पारंपरिक टीके नहीं हैं, जो बीमारी को रोकते हैं. कैंसर शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम में छिपा रहता है. पारंपरिक कैंसर के टीके इम्यूनोथेरेपी की तरह कैंसर कोशिकाओं को खोजने और खत्म करने के लिए इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ावा देते हैं. ऐसा पहली बार है जब कोरोना वैक्सीन की तकनीक के आधार पर टीके विकसित किए जा रहे हैं, जो ट्यूमर को छोटा करने में मददगार साबित होंगे. इस टीके के जरिए प्रतिरक्षा प्रणाली के टी सेल्स कैंसर के खतरनाक रूप को पहचानेंगे. इसके बाद ये खतरे को कम करने के लिए पूरे शरीर में कहीं भी जा सकती है.

भारत भी इस रेस में शामिल

भारत भी कैंसर के लिए वैक्सीन बनाने में लगा हुआ है. भारत ने 24 जनवरी 2023 को सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए अपना पहला मेड-इन-इंडिया क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (qHPV) वैक्सीन ''CERVAVAC'' लॉन्च की थी. हालांकि इन वैक्सीन की कीमत बहुत ज्यादा रहने वाली है. हर कैंसर के लिए अलग-अलग वैक्सीन बनाई जाएगी. अगर सभी के लिए एक ही वैक्सीन बने तो शायद कीमतें कम हो सकती थी. शोधकर्ताओं की मानें तो ये टीके महंगे हो सकते हैं. मूल रूप से हर वैक्सीन को नए सिरे से बनाना होता है. ये टीके कई तरह के मरीजों के लिए डिजाइन किए गए हैं. अर्ली और एडवांस स्टेज के ब्रेस्ट कैंसर, लंग कैंसर और ovarian कैंसर के लिए टेस्ट किए जा रहे हैं. इसके नतीजे अगले साल तक आ सकते हैं.

भारत में कैंसर के मामले

आईसीएमआर की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में देश में कैंसर के अनुमानित मामले 14.61 लाख थे. भारत समेत दुनिया भर में कैंसर का सबसे आम प्रकार स्तन, फेफड़े, पेट, गुदा और प्रोस्टेट कैंसर हैं. धूम्रपान और तंबाकू की वजह से फेफड़ों का कैंसर होता है.