डायबिटीज की दवा सेमाग्लूटाइड को वजन कम करने के लिए अब तक जादुई पिल माना जा रहा था. अब चूहों पर किए गए एक नए अध्ययन से पता चला है कि इससे ज्यादा शराब पीने की आदत को भी कंट्रोल किया जा सकता है. ये अध्ययन eBioMedicine में प्रकाशित हुआ है.
दिलचस्प है रिसर्च
गोथेनबर्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च में चूहों के एक ग्रुप को नौ हफ्तों तक लगातार शराब दी, ताकि उन्हें इसकी लत लग जाए. एक बार जब वे शराब के आदी हो गए, तो शोधकर्ताओं ने उन्हें सेमाग्लूटाइड दिया और फिर इसके प्रभाव को मापा. सेमाग्लूटाइड देने के बाद नर और मादा चूहों में शराब का सेवन कम हो गया. उपचार से पहले सभी चूहों ने 10 सप्ताह से ज्यादा समय तक शराब का सेवन किया था.
शराब पीने की आदत को कंट्रोल करता है
शोधकर्ताओं ने आगे जांच की कि कि क्या sobriety पीरियड के बाद भी सेमाग्लूटाइड का प्रभाव जारी था. इसलिए उन्होंने चूहों को 9 दिनों तक शराब से एकदम दूर रखा और फिर दवा दोबारा दी. इसके बाद, उन्होंने ये देखने के लिए चूहों को फिर से शराब पिलाई कि क्या उनमें दोबारा शराब की लत लगती है या नहीं. शोधकर्ताओं ने पाया कि सेमाग्लूटाइड दोबारा शराब पीने से रोकता है. सेमाग्लूटाइड शराब के प्रभाव को रोकता है और शराब की लत को कम करने में योगदान देता है.
भूख को भी कंट्रोल करता है
इस दिलचस्प रिसर्च से पता चलता है कि भूख को कंट्रोल करने के अलावा सेमाग्लूटाइड brain biochemistry में भी बदलाव लाता है, जिसके परिणामस्वरूप शराब की लत धीरे-धीरे कम हो जाती है. हालांकि इसका ह्यूमन ट्रायल किए जाने की जरूरत है. यह रिसर्च शराब से संबंधित डिसऑर्डर से जूझ रहे लोगों के जीवन में सुधार ला सकता है.