आपकी नाक भरी हुई है. आपका गला खुजला रहा है और आपके सिर में दर्द है तो ये क्या है सर्दी या मौसमी फ्लू है. ये बता पाना मुश्किल है, क्योंकि दोनों के कॉमन हो सकते हैं. सर्दी और फ्लू दोनों ही वायरस से होने वाली बीमारी है. सर्दी और फ्लू दोनों बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को प्रभावित कर सकती है. सर्दी और फ्लू के लक्षणों के बीच अंतर बताना मुश्किल है. लेकिन इसमें कुछ बुनियादी अंतर है.
कैसे पता करें अंतर-
सर्दी और फ्लू दोनों वायरस की वजह से होते हैं. दोनों सांस के संक्रमण से संबंधित हैं. इनके लक्षणों को देखकर इनको पहचाना जा सकता है.
सर्दी के लक्षण-
अगर आपको सर्दी है तो उसके लक्षण इस तरह दिखाई देंगे.
फ्लू के लक्षण-
अगर आपको फ्लू है तो अलग लक्षण दिखाई देंगे. चलिए आपको बताते हैं कि फ्लू के क्या लक्षण होते हैं.
सर्दी का असर धीरे-धीरे होता है और वो एक हफ्त से 10 दिन तक में ठीक हो जाती है. हालांकि इसके लक्षण 2 हफ्ते तक रह सकते हैं. जबकि फ्लू के लक्षण जल्दी दिखते है और जल्द ही गंभीर भी हो सकते हैं. आम तौर पर फ्लू एक से दो हफ्ते तक चलता है. अगर फ्लू की आशंका है तो लक्षण दिखने के 48 घंटे के भीतर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
सामान्य सर्दी क्या है-
सामान्य सर्दी एक वायरस के कारण होता है. राइनो वायरस सबसे अधिक बार लोगों के छींकने और सूंघने का कारण बनता है. यह अत्यधिक संक्रामक है. ठंड के मौसम में सर्दी आम बात है. क्योंकि ठंड पैदा करने वाले वायरस कम आर्द्रता में पनपते हैं. इसलिए ठंड के मौसम में सर्दी होने की आशंका ज्यादा होती है. हालांकि गर्मी के मौसम में भी सर्दी हो सकती है. सर्दी के वायरस पहले दो से चार दिनों में सबसे अधिक संक्रामक होते हैं.
कैसे करें सर्दी का इलाज-
सर्दी वायरल संक्रमण है. इसलिए इसके इलाज में एंटीबायोटिक्स प्रभावी नहीं हैं. हालांकि कई एंटीबायोटिक्स हैं, जो दर्द और सर्दी के दूसरे लक्षणों से राहत दे सकते हैं. जिंक लोजेंज सर्दी के लक्षणों को कम करने में सहायक है. विटामिन सी सर्दी को रोकता नहीं है, लेकिन अगर इसको लगातार लिया जाए तो ये लक्षणों को कम कर सकता है. बिटामिन डी सर्दी और फ्लू दोनों से बचाने में मदद करता है. आमतौर पर सर्दी 7 से 10 दिन के भीतर ठीक हो जाती है. अगर 10 दिन के भीतर सर्दी में सुधार नहीं होता है तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
मौसमी फ्लू क्या है-
ये भी सांस लेने से संबंधित बीमारी है. ये कभी भी हो सकती है. फ्लू आम तौर पर मौसमी होता है. फ्लू का मौसम आम तौर पर पतझड़ से वसंत तक चलता है, जो सर्दी के मौसम में चरम पर होता है. सर्दी की तरह ही फ्लू के भी लक्षण होते हैं. फ्लू होने के 5 से 7 दिन बाद तक संक्रमण का खतरा रहता है. मौसमी फ्लू इन्फलूएंजा ए, बी और सी वायरस के कारण होते हैं. सर्दी के मुकाबले फ्लू निमोनिया जैसी गंभीर स्थिति में पहुंच सकता है. ये बच्चों, वयस्कों और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए खतरनाक है.
कैसे करें फ्लू का इलाज-
ज्यादातर मामलों में फ्लू के इलाज के लिए तरल पदार्थ और आराम सबसे अच्छा तरीका है. खूब तरल पदार्थ पीना चाहिए. लक्षणों को रोकने के लिए दवा भी ली जा सकती है. डॉक्टर की सलाह से एंटीवायरल ड्रग्स लिया जा सकता है. जो फ्लू की अवधि को कम कर सकता है और निमोनिया को रोक सकता है. हालांकि ये दवा बीमारी के शुरू होने के 48 घंटे के भीतर लेनी चाहिए.
अगर फ्लू से दिक्कतें बढ़ने लगे तो फौरन डॉक्टर के पास जाना चाहिए. बुजुर्ग, गर्भवती महिला, 2 साल से कम उम्र के बच्चे को फ्लू होने पर फौरन डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
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