आजकल ज्यादातर लोग देर रात सोना ही पसंद करते हैं. कोई भी जल्दी सोना पसंद नहीं करता है. ऐसी दुनिया में जहां आधी रात का आकर्षण सोने में देरी का कारण बनता है, वहीं इसके संभावित परिणामों को पहचानना जरूरी है. इसे "revenge bedtime procrastination" कहा जाता है. यह आदत, रात में हमें कुछ पल शांति के तो देती है लेकिन हमारे स्वास्थ्य पर काफी खतरनाक प्रभाव डाल रही है.
देर रात की नींद से पड़ रहा स्वास्थ्य पर प्रभाव
यशोदा हॉस्पिटल्स हैदराबाद के सीनियर कंसलटेंट फिजिशियन डॉ. दिलीप गुडे ने इंडियन एक्सप्रेस को देर रात सोने के हानिकारक प्रभावों के बारे में बताया. जब हम सोते नहीं हैं तो नींद के दौरान जो शरीर की नेचुरल रिपेयर साइकिल (natural repair cycle) होती है उसमें अड़चन पैदा होती है. देर रात सोना असंख्य स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है. इसमें स्ट्रेस से लेकर, पाचन से जुड़ी गड़बड़ी, मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर (mental health disorders) जैसे एंग्जायटी, डिप्रेशन और बाइपोलर डिसऑर्डर (bipolar disorders) शामिल है.
देर रात सोने के नुकसान
-आधी रात के बाद नियमित रूप से सोने से शरीर की सर्कैडियन रिदम बिगड़ जाती है. इसका नुकसान ये होता है कि हमारे हॉर्मोनल सिस्टम अच्छे से काम नहीं करता है, साथ ही पाचन के साथ-साथ शरीर के तापमान में बदलाव होने लगता है.
-लंबे समय तक अगर आप देर सोने वाले इस रूटीन को फॉलो करते हैं तो इससे चीजों पर फोकस करने में समस्या आती है. साथ ही कुछ भी याद रखने में और मेंटल अलर्टनेस में कठिनाई हो सकती है.
-देर रात की नींद कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन से जुड़ी हुई है. इससे स्ट्रेस, एंग्जायटी और वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है.
लगातार नींद की कमी से हमारा इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है. इससे शरीर बीमारियों और संक्रमणों के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाता है.
-आधी रात के बाद सोने से मेटाबोलिज्म भी बाधित हो सकता है. जिससे संभावित रूप से वजन बढ़ सकता है, इंसुलिन रेजिस्टेंस हो सकता है और पाचन संबंधी मुश्किलें आ सकती हैं.
कैसे रखें नींद का ख्याल?
देर रात नींद से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए कई सारी आदतें अपनाई जा सकती हैं-
1. एक स्लीप शेड्यूल बनाएं
हर दिन बिस्तर पर जाने और उठने का समय निर्धारित कर लें. इसकी मदद से आप अपनी स्लीप साइकिल ठीक कर सकते हैं.
2. एक आरामदायक बेडटाइम रिचुअल बनाएं
सोने से पहले ऐसी कोई एक्टिविटी करें, जिससे आपका मन शांत हो जाए. जैसे कोई किताब पढ़ना, हल्की स्ट्रेचिंग या ध्यान, ताकि शरीर को संकेत दिया जा सके कि आराम करने का समय आ गया है.
3. स्क्रीन टाइम को सीमित करें
मेलाटोनिन उत्पादन बढ़ाने और बेहतर नींद की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए सोने से कम से कम एक घंटे पहले स्क्रीन से हट जाएं. विशेष रूप से ब्लू लाइट एमिट करने वाले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के संपर्क में न आएं.
4. माइंडफुल न्यूट्रिशन
बेहतर नींद के लिए सोने से पहले हल्के, आसानी से पचने वाले स्नैक्स खाएं, और सोने से पहले भारी भोजन खाने से बचें.
इन सभी आदतों से आप अपनी स्लीप साइकिल को ठीक कर सकते हैं. साथ ही देर रात सोने से होने वाले खतरनाक प्रभावों को कम कर सकते हैं.