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Diwali Pollution: दिवाली से बढ़े प्रदूषण में बढ़ रही अस्थमा की परेशानी, जानें किन लोगों को है खतरा और कैसे करें बचाव

प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच, स्वास्थ्य विशेषज्ञ उन लोगों में जागरूकता बढ़ाने की बात कर रहे हैं जो पहले से ही सांस से जुड़ी किसी परेशानी का सामना कर रहे हैं. ऐसे लोगों को बचने की सलाह दी जा रही है.

प्रदूषण प्रदूषण
हाइलाइट्स
  • बाहरी गतिविधियां सीमित करें

  • जहरीला होता है धुंआ 

दिवाली के बाद से ही शहरों में प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ गया है. राजधानी दिल्ली में सांस से जुड़ी बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं. इसमें सबसे ज्यादा अस्थमा के दौरे, ब्रोंकाइटिस के मामले और पहले से मौजूद फेफड़ों की समस्याएं मुख्य हैं. हालांकि, पहले से बढ़े हुए एक्यूआई को देखते हुए शहरों में पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया था. बता दें, फुलझड़ी, अनार, लड़ी और चकरी सहित कई पटाखे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों से 200 से 2000 गुना ज्यादा प्रदूषण फैलाते है. 

जहरीला होता है इनका धुंआ 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पीएसआरआई इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन के अध्यक्ष और डब्ल्यूएचओ वैश्विक वायु प्रदूषण और स्वास्थ्य तकनीकी सलाहकार समूह के सदस्य जीसी खिलनानी का कहना है कि पटाखों से कण निकलते हैं उनमें बेरियम, पोटेशियम, सल्फर और अलग-अलग कलर एजेंट होते हैं, जो प्रदूषण को और बढ़ा देते हैं.  ये जहरीले धुएं खांसी, दम घुटना, नाक बहना, सीने में परेशानी और अस्थमा के दौरे जैसे तत्काल लक्षण पैदा करते हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि वे फेफड़ों की पुरानी बीमारियों से लेकर फेफड़ों के कैंसर तक जैसी समस्याएं पैदा कर देते हैं. 

पहले से ही जूझ रहे लोगों के लिए सलाह

प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच, स्वास्थ्य विशेषज्ञ उन लोगों में जागरूकता बढ़ाने की बात कर रहे हैं जो पहले से ही सांस से जुड़ी किसी परेशानी का सामना कर रहे हैं. ऐसे लोगों को बचने की सलाह दी जा रही है. बुजुर्ग व्यक्तियों और अस्थमा, सीओपीडी और हृदय की समस्याओं जैसी पहले से मौजूद बीमारियों वाले लोगों को बाहर कम से कम निकलने और मास्क लगाने की सलाह दी जा रही है.

धर्मशिला नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के डॉ. नवनीत सूद ने दिवाली के बाद बढ़ रही सांस की समस्याओं वाले रोगियों की बढ़ती गिनती पर प्रकाश डाला है. गंभीर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सांस से जुड़ी बीमारियां इसमें शामिल है. 

बढ़ रहा है संकट 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में सांस से जुडी बीमारियों में वृद्धि देखी जा रही है. टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉ. विवेक नांगिया ने दम घुटने, नाक बंद होने और सांस लेने में कठिनाई की शिकायत बताई है. ऐसे में गंभीर मामलों में नेब्युलाइज़र और स्टेरॉयड के उपयोग की सलाह दी जा रही है. 

कैसे करें बचाव?

दिवाली के पटाखों से होने वाले वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं-

1. बाहरी गतिविधियां सीमित करें

प्रदूषण से बचने के लिए कोशिश करें कि बाहरी गतिविधियों को सीमित करें. जितना हो सके कम से कम बाहर निकलें. विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को बाहर कम से कम जाने की सलाह दी जाती है. 

2. एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें

इनडोर वायु प्रदूषण को कम करने के लिए घरों और कार्यालयों में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें. 

3. खिड़कियां बंद रखें

बाहरी प्रदूषकों को इनडोर स्थानों में प्रवेश करने से रोकने के लिए खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें. हवा के रिसाव को कम करने के लिए ड्राफ्ट स्टॉपर्स का उपयोग करें. 

4. हाइड्रेटेड रहें

शरीर में मौजूद जहरीले कणों को निकालने के लिए खूब पानी पिएं. 

5. मास्क का प्रयोग करें

 बाहर जाते समय मास्क पहनें, खासकर सांस की समस्या वाले लोगों के लिए ये जरूरी है.