
क्या आप जानते हैं कि आपके जीन्स ही ये तय कर सकते हैं कि भविष्य में आपको हार्ट अटैक होगा या नहीं? या फिर यह कि आपकी मसल्स को कौन सी एक्सरसाइज सबसे ज्यादा सूट करेगी? अब तक जो DNA टेस्टिंग सिर्फ पितृत्व की पुष्टि या क्राइम सीन के लिए इस्तेमाल होती थी, अब वह आपकी सेहत, फिटनेस, और यहां तक कि करिअर चॉइस तक में अहम भूमिका निभा रही है. और यह कोई भविष्य की बात नहीं, बल्कि देश के 50 से ज्यादा स्टार्टअप इस पर आज ही काम कर रहे हैं!
अब DNA टेस्ट से सिर्फ "आप किसके बेटे हैं?" नहीं, बल्कि "आपका बेटा क्या बन सकता है?" तक पता लगाया जा रहा है!
DNA में छिपा है शरीर का पूरा ब्लूप्रिंट
DNA टेस्टिंग कंपनियां अब एक सामान्य थूक (saliva) या स्वैब सैंपल से 113 से ज्यादा बायोमार्कर्स का विश्लेषण कर रही हैं. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, लक्ष्मी पंड्राला, एक स्टार्टअप की सीईओ जो DNA बेस्ड न्यूट्रिशन और हेल्थ के क्षेत्र में काम कर रही हैं, बताती हैं- "हमने अब तक 12,000 से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की है, जिनमें आईपीएल खिलाड़ी, टेनिस चैंपियन, कॉरपोरेट सीईओ और स्कूल जाने वाले बच्चे तक शामिल हैं."
इनमें खास बात यह है कि टेस्ट के जरिए सिर्फ यह नहीं देखा जा रहा कि आपको कौन सी बीमारी हो सकती है, बल्कि यह भी देखा जा रहा है कि किस दवा का आपके शरीर पर कैसा असर होगा, कौन-सी डाइट आपके लिए कारगर है और कौन-सी आदतें आपके शरीर को नुकसान पहुंचा रही हैं.
सब जानना चाहते हैं अपना DNA सीक्रेट
देश की प्रमुख DNA हेल्थ स्टार्टअप्स में से कई अब स्पोर्ट्स परफॉर्मेंस बढ़ाने के लिए एथलीट्स की स्क्रीनिंग कर रही हैं. यह जांच बताती है कि आपकी मांसपेशियां किस टाइप की ट्रेनिंग के लिए उपयुक्त हैं, चोट लगने की कितनी संभावना है, और रिकवरी टाइम क्या होगा.
खिलाड़ी ही क्यों, आज कॉरपोरेट प्रोफेशनल्स भी ये टेस्ट करवा रहे हैं ताकि वे तनाव में कैसे रिएक्ट करेंगे, उस पर कंट्रोल कर सकें. यानी बॉस की डांट सहने से लेकर पिच प्रेजेंटेशन की तैयारी तक – DNA से सबकुछ तय किया जा सकता है!
हर सवाल का जवाब DNA में
आपके बच्चे का पढ़ाई में फोकस कम है? उसे कौन-सा खेल ज्यादा सूट करेगा? क्या वो तनाव में आकर आक्रामक हो जाएगा? इन सब सवालों का जवाब DNA टेस्टिंग में है. महिलाएं यह जानने के लिए टेस्ट करवा रही हैं कि उनके बाल क्यों झड़ रहे हैं, क्या उन्हें PCOS की संभावना है, या मेनोपॉज जल्दी तो नहीं आने वाला.
हेल्थ एक्सपर्ट संदीप साहनी बताते हैं कि भविष्य की बीमारियों का अनुमान लगाकर पहले से दवा, डाइट और जीवनशैली में बदलाव करना ही पर्सनलाइज्ड मेडिसिन का अगला बड़ा कदम है. उन्होंने कहा, "एक ही बीमारी पर दो इंसानों का अलग-अलग रिस्पॉन्स क्यों होता है? इसका जवाब DNA देता है."
जल्द ही दवा कंपनियां भी जनरल दवाएं नहीं, बल्कि जीन के आधार पर टारगेटेड मेडिसिन बनाएंगी.
आपका असली 'उम्र' क्या है?
एक 32 साल का व्यक्ति बायोलॉजिकल तौर पर 50 का भी हो सकता है. DNA एनालिसिस से यह पता चलता है कि शरीर अंदर से कितना थका हुआ या बीमार है. सही डाइट और एक्सरसाइज से यह उम्र 10 साल तक घटाई जा सकती है.
जानिए क्या क्या पता लग सकता है DNA टेस्ट से
8 हजार से 1 लाख तक का खर्च, बिना सुई चुभाए
DNA टेस्ट अब खून से नहीं, सिर्फ गाल के अंदर से लिए गए सैंपल से किया जा सकता है. स्टार्टअप कंपनियां घर पर DNA किट भेजती हैं. आप सैंपल लेकर उन्हें वापस भेजते हैं, और रिपोर्ट ऑनलाइन मिल जाती है.
कीमत 8,000 से शुरू होकर 1 लाख रुपये तक जाती है – इस पर निर्भर करता है कि आप कितनी गहराई तक एनालिसिस कराना चाहते हैं. इन स्टार्टअप्स का हब दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहर हैं, लेकिन सर्विस पूरे देश में उपलब्ध है. कुछ कंपनियां अब फिजिकल क्लीनिक भी खोल रही हैं जहां ऑन-स्पॉट कंसल्टेशन दिया जा रहा है.