दिल्ली एम्स अब भारत का पहला ऐसा संस्थान बन चुका है जहां डॉक्टर्स को रोबोटिक सर्जरी में ट्रेनिंग दी जाएगी. अब भारत के डॉक्टर्स को रोबोटिक सर्जरी के लिए विदेश जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. वे भारत में ही रह कर उच्च स्तर की ट्रेनिंग ले पाएंगे. रोबोटिक ट्रेनिंग की सुविधा सिर्फ एम्स के सर्जन के लिए नहीं बल्कि बाहर के डॉक्टर्स भी इस ट्रेनिंग को एम्स में सीख सकेंगे.
मेडिकल साइंस का सबसे एडवांस तरीका है रोबोटिक सर्जरी
एम्स की वेट लैब में इंडियन मेट्रोनिक कंपनी के साथ मिलकर रॉबर्ट स्थापित किए गए हैं. इन रोबोट के साथ अब डॉक्टर्स रोबोटिक सर्जरी की ट्रेनिंग कर पाएंगे. रोबोटिक सर्जरी से सर्जरी का समय कम किया जा सकेगा. रोबोटिक सर्जरी लंबे चीरे (Cut) जो मरीज को लगाए जाते थे उन चीरो को भी कम करने में सक्षम है. इस सर्जरी की मदद से कोशिश की जाएगी कि मरीज जल्दी स्वस्थ हो सकें और जल्दी स्वस्थ हो कर अपने घर जा सकें.
इससे अस्पतालों में बेड भी जल्द से जल्द खाली हो सकेंगे, क्योंकि इस सर्जरी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शामिल है. और यही वजह है कि नॉर्मल सर्जरी में होने वाली गलतियों से भी बचा जा सकेगा.
विदेश जाने की नहीं पड़ेगी जरूरत
डॉक्टर एम बाजपाई ने बताया कि इससे पहले रोबोटिक सर्जरी सीखने के लिए विदेशों में जाते थे. ट्रेनिंग बहुत महंगी होने की वजह से कुछ ही सर्जन इस ट्रेनिंग को कर पाते थे. लेकिन अब इस लैब के स्थापित होने के बाद अधिक से अधिक सर्जन इस ट्रेनिंग को आसानी से कर पाएंगे.