रूस और यूक्रेन की लड़ाई के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो फुटेज वायरल हो रहा है. इसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का हाथ कांपता हुआ दिख रहा है, जिसके बाद अटकलें लग रही हैं कि उन्हें पार्किंसंस बीमारी हो सकती है. वीडियो में पुतिन अपने हाथ को कांपने से रोकने के लिए उसे छाती पर रखते दिख रहे हैं. ज्यादातर 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग इस बीमारी का शिकार होते हैं. लेकिन ऐसा भी नहीं है कि युवाओं को बच्चों को यगह बीमारी नहीं हो सकती. इसके लक्षण इतने कम होते हैं की शुरुआत में आप इसे पहचान भी नहीं सकते. चलिए जानते हैं इस बीमारी के लक्षणों के बारे में और आप किस तरह से इससे बचाव कर सकते हैं. क्योंकि भारत में करीब 10 लाख लोग हर साल इस रोग के शिकार हो रहे हैं.
Putin is unsteady. pic.twitter.com/ohlCZvMqYt
— Ken Olin (@kenolin1) April 25, 2022
क्या होता है पार्किंसंस रोग?
यह एक न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग है. इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति की मस्तिष्क की कोशिकाओं का पतन होने लगता है. दिमाग की कोशिकाओं में नुकसान होने के कारण शारीरिक मूवमेंट प्रभावित होती है. शरीर की गति में धीमापन आ जाता है जिससे मानसिक समस्याएं आने लगती हैं. इस बीमारी के पांच स्टेज होते हैं. यह बीमारी कई बार अनुवांशिक भी होती है. सिर में चोट लगने की वजह से भी यह समस्या आ सकती है.
क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?
बचाव के उपाय
बैलेंस डाइट, दवाइयों और थैरैपी के जरिए आप इस बीमारी पर काबू पा सकते हैं. लेवोडोपा पार्किंसंस के लिए सबसे आम उपचार है. यह डोपामाइन (यह न्यूरॉन्स के बीच एक केमिकल मैसेंजर के रूप में काम करता है) को फिर से भरने में मदद करता है. लगभग 75 प्रतिशत मामले में लेवोडोपा कारगर साबित हुआ है.