पानी जीवन जीने के लिए सबसे जरूरी चीजों में से एक है. बिना इसके जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है. वैसे तो पृथ्वी पर पानी ही पानी है लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इनमें से केवल 3 प्रतिशत पानी ही पीने के लायक है. ऐसे में इसका सरंक्षण करना हमारे लिए बेहद जरूरी है. इसके महत्व का अंदाजा आप इसी बात से लगाइए कि बाजार में इसे बोतलों में भरकर अलग-अलग कीमतों में बेचा जाता है. आपने भी कभी न कभी बोतलबंद पानी खरीदा होगा. खासकर गर्मी के समय में तो बोतलबंद पानी की डिमांड और भी बढ़ जाती है. लेकिन क्या आपने खरीदते वक्त यह गौर किया है कि पानी के बोतलों पर जो एक्सपायरी डेट लिखी होती है उसका क्या मतलब होता है. एक्सपायरी डेट देखकर हमारे मन में यही आता है कि यह एक तय समय के बाद खराब हो जाएगा. जैसे खाने पीने की चीजें खराब हो जाती है. तो सवाल यह है कि क्या पानी भी एक्सपायर हो जाता है ? चलिए बताते हैं कि बोतलों पर एक्सपायरी डेट क्यों लिखी होती है और क्या पानी एक्सपायर होता है.
सिंगल यूज के लिए होती है पानी की बोतलें
बाजार में उपलब्ध अधिकांश पानी की बोतलें सिंगल यूज के लिए ही होती है. यानी एक बार पीकर उसे क्रश करके फेंकना होता है. लेकिन लोग इन बोतलों का इस्तेमाल बार-बार करते हैं. ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. यह सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक है. इन बोतलों की बजाय BPA फ्री रियूजेबल बोतलों का इस्तेमाल ही करें.
क्या पानी होता है एक्सपायर ?
इसका सीधा जवाब है नहीं. लेकिन फिर आपके मन में सवाल होगा कि बोतलों पर एक्सपायरी डेट क्यों लिखी होती है. इसके पीछे की वजह पानी नहीं प्लास्टिक की बोतल है. दरअसल में एक निश्चित समय के बाद प्लास्टिक पानी में घुलने लग जाती है. ऐसा होने के बाद पानी में उसका केमिकल चला जाता है और पानी का स्वाद खराब हो जाता है. इसके बाद अगर उस पानी को पीया जाए तो यह स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचा सकता है. पानी की प्लास्टिक वाली बोतलों को बनाने में बीपीए नाम के रसायन का इस्तेमाल किया जाता है. यह रसायन स्वास्थ्य के लिए घातक सिद्ध हो सकता है. इससे डायबिटीज टाइप 2, ब्लड प्रेशर और ह्रदय रोगों से जुड़ी समस्या हो सकती है.