कई बार छोटे बच्चों को दूध पिलाने से उन्हें एलर्जी, पेट फूलना (ब्लोटिंग) या डायरिया जैसी परेशानी हो जाती है. इसे मां-बाप अक्सर दूध से होने वाली एलर्जी समझ लेते हैं. लेकिन आपका बच्चा लैक्टोज इंटॉलरेंट हो सकता है. जिसके कारण बच्चे का इम्यून सिस्टम मिल्क प्रोटीन से मिलने पर अलग तरह से रिएक्ट करता है.
हमारा इम्यून सिस्टम अक्सर जर्म्स या वायरस जैसे आक्रमणकारियों से लड़ता है, लेकिन कभी-कभी हमारा शरीर दूध के प्रोटीन को एक हानिकारक सामग्री के तौर पर खतरनाक समझ लेता है. जिससे इम्यून सिस्टम हमारे शरीर की रक्षा करने के लिए एंटीबॉडी के साथ भोजन पर हमला करता है. जिससे शरीर में अलग-अलग लक्षण दिखने लगते हैं. जैसे दस्त लगना, लाल चकत्ते दिखना आदि.
क्या आपके बच्चे को दूध से एलर्जी है?
दूध से एलर्जी होने का सबसे आम कारण यह है कि जब शरीर गलती से दूध में मौजूद प्रोटीन को खतरनाक मान लेता है. हिस्टामाइन, एक पदार्थ है जो खांसी, घरघराहट और पित्त जैसे लक्षणों का कारण बनता है. अगर मां गाय का दूध पीती है तो उसके स्तन के दूध में मिल्क प्रोटीन होगा. बच्चा दूध के प्रति धीरे-धीरे रियेक्ट करता है या कभी-कभी जल्दी. कई बार ये एलर्जी धीरे-धीरे सामने आती हैं, जबकि कभी कभार ये एकदम से रिएक्शन कर देती हैं.
कौन से लक्षण दिख सकते हैं?
लक्षणों की बात करें, तो बच्चे में घरघराहट, दस्त, चकत्ते, सूजन आदि कुछ घंटों में धीरे-धीरे दिखने शुरू हो जाते हैं. अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे को दूध, डेयरी प्रोडक्ट, या किसी दूसरे भोजन से एलर्जी है, तो अपने बाल रोग विशेषज्ञ या एलर्जी विशेषज्ञ से मिल सकते हैं. आम तौर पर, इसके लिए ये भी जरूरी है कि बच्चे में बचपन से होने वाली एलर्जी की पहचान की जाए और तब इलाज के लिए आगे बढ़ा जाए.
कैसे करें इससे बचाव?
-बाल रोग विशेषज्ञ, ऐसे में मां को स्तनपान बंद कर देने की सलाह देते हैं. और दूध के प्रोडक्ट के बजाय कैल्शियम और विटामिन डी की डोज लेने को कहते हैं. बाल रोग विशेषज्ञ उन शिशुओं के लिए सोया आधारित फार्मूला देने की सलाह देते हैं.
-इसके अलावा, बच्चों के लिए प्लांट-बेस्ड अल्टरनेटिव भी चुन सकते हैं. दूध से एलर्जी वाला बच्चा दूध नहीं पी सकता है, लेकिन अगर उन्हें इनमें से किसी भी दूसरे खाने वाले आइटम से एलर्जी नहीं है, तो वे फोर्टिफाइड सोया दूध, चावल का दूध, जई का दूध या अलसी का दूध, बादाम या काजू का दूध और नारियल का दूध पी सकते हैं.
-जिन बच्चों को दूध से एलर्जी है इसे केवल दूध और डेयरी प्रोडक्ट से परहेज करके ही किया जा सकता है.
-बच्चे के डॉक्टर से कैल्शियम और विटामिन डी की डोज के बारे में पूछताछ करें. मीट और अंडे, साबुत अनाज और हरे पत्ते वाली सब्जियां भी बच्चे को दे सकते हैं.
-जब बच्चा बड़ा हो जाए तब उसको सभी एलर्जी के बारे में जरूर बताएं, ताकि वो इन सब चीजों का ध्यान रखें.
(नोट: यहां बताई गई सभी बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. कुछ भी अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)
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