उत्तर प्रदेश में लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के इतिहास में पहली बार केजीएमयू अस्पताल में किसी मरीज के शरीर में दो अंग एक साथ ट्रांसप्लांट किए गए हैं. इस ट्रांसप्लांट ऑपरेशन में लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल के अलावा तीन अन्य अस्पतालों की सहायता ली गई, जिसमें राम मनोहर लोहिया, एसजीपीजीआई, और मैक्स हॉस्पिटल शामिल थे.
मिली जानकारी के मुताबिक 50 से अधिक मेडिकल कर्मचारियों ने ऑपरेशन में योगदान दिया और यह ऑपरेशन 15 घंटे चला. दरअसल, एक 58 वर्षीय व्यक्ति के दो अंग लिवर और किडनी फेल हो गए थे. जिसके चलते दोनों अंगों के ट्रांसप्लांट की जरूरत थी. हालांकि, डॉक्टर्स को ऑर्गन मिलने का इंतजार था.
21 साल के ब्रेन डेड लड़के ने किए अंगदान
कुछ समय पहले ही केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में एक्सीडेंट के दौरान घायल हुए 21 वर्षीय अमरेंद्र नामक युवक को गंभीर अवस्था में भर्ती किया गया. भीषण एक्सीडेंट के चलते युवक वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया. लेकिन फिर डॉक्टर्स ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया.
इसके बाद, अमरेंद्र के परिवार से अंगदान की अपील की गई. अंगदान के बाद, अस्पताल स्टाफ ने सर्जरी शुरू की. केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसएन शंखवार ने बताया कि केजीएमयू के डॉक्टरों ने बहुत बड़ा कार्य किया है. उत्तर भारत में यह पहली बार हुआ है कि किसी एक पेशेंट के दोनों अंग, लिवर और किडनी एक साथ ट्रांसप्लांट हुए.
15 घंटे तक चला ऑपरेशन
डॉ एस एन शंखवार ने बताया कि अमरेंद्र से लिवर और किडनी लेक दूसरे मरीज में ट्रांसप्लांट किए गए. यह ऑपरेशन लगभग 15 घंटे चला. सीएमएस ने आगे बताया कि ऑपरेशन में केजीएमयू के अलावा तीन अलग-अलग अस्पताल के डॉक्टर भी शामिल किए गए थे.
केजीएमयू अस्पताल से यूरोलॉजी और गैस्ट्रो डिपार्टमेंट के सीनियर डॉक्टर्स ने अंग प्रत्यारोपण में मदद की और ऑपरेशन को सफल बनाया. ऑपरेशन के उपरांत मरीज की स्थिति बेहतर रही और अब मरीज को डिस्चार्ज किया जा रहा है. यह ऑपरेशन केजीएमयू के साथ-साथ समूचे प्रदेश और उत्तर भारत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है और उम्मीद है कि,आगे भी केजीएमयू भविष्य में इसी तरीके का प्रत्यारोपण करता रहेगा.
(सत्यम मिश्रा की रिपोर्ट)