स्पेस ट्रेवल का अपना एक चार्म है अंतरिक्ष में यात्रा करने से अंतरिक्ष यात्री या एस्ट्रोनॉट की हेल्थ पर शॉर्ट और लॉन्ग टर्म प्रभाव पड़ते हैं. स्ट्रिक्ट डाइट और एक्सरसाइज रूटीन का पालन करने के बावजूद, कम गुरुत्वाकर्षण वाले वातावरण में इतना समय बिताने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें मांसपेशियों और हड्डियों का नुकसान, वजन कम होना, आंखों से संबंधित परेशानी और इम्यून सिस्टम में बदलाव शामिल हो सकते हैं. और जब महिला अंतरिक्ष यात्री इस यात्रा के लिए तैयारी करती हैं, तो उनके सामने एक और चुनौती होती है - अपने पीरियड्स को मैनेज करना.
शुरुआती रिसर्चसके मुताबिक, ब्लड महिलाओं के शरीर में अपने प्रवाह को उलट सकता है - जिसे रेट्रोग्रेड पीरियड भी कहा जाता है. लेकिन डॉ वर्षा जैन, जो वर्तमान में एडिनबर्ग विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रही हैं, बताती हैं कि ऐसा नहीं है. वह कहती हैं कि यह बिल्कुल वैसा ही है जैसा धरती पर एक महिला को होता है.
"अंतरिक्ष स्त्री रोग विशेषज्ञ" (Space Gynaecologist) के रूप में भी जानी जाने वाली डॉ. जैन ने स्टडी की है कि महिलाओं का शरीर अंतरिक्ष में कैसे प्रतिक्रिया करता है, और वह विशेष रूप से माइक्रो ग्रेविटी में मासिक धर्म के प्रभावों को संबोधित करती हैं और उन महिला अंतरिक्ष यात्रियों के लिए समाधान बताती हैं जो अपने पीरियड्स स्किप करना चाहती हैं. उनका कहना है कि स्टडी के अनुसार, यदि महिलाएं चाहें तो अंतरिक्ष में भी पीरियड्स हो सकते हैं. आपकी पीरियड सायकिल हार्मोन कंट्रोल करते हैं. यह हार्मोन मस्तिष्क से निकलता है और ओवरीज पर काम करता है जो फिर गर्भाशय पर कार्य करता है, और वह मार्ग प्रभावित नहीं होता है.
पीरियड्स हैं पर्सनल चॉइस
जैन का कहना है कि महिला अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में पीरियड्स हो सकते हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर महिलाएं कई कारणों से ऐसा करने से बचती हैं. वह कहती हैं कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर दो शौचालय हैं, और पानी के अपशिष्ट को कई बार रिसायकल किया जाता है और पीने के पानी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. हालाँकि, ब्लड को एक ठोस पदार्थ माना जाता है और इसलिए ब्लड के साथ मिश्रित जल अपशिष्ट को फेंकना पड़ता है और इसे रिसायकल नहीं किया जा सकता है. महिला अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में स्नान नहीं कर सकतीं क्योंकि जीरो-ग्रेविटी वातावरण में पानी नहीं बहता है.
स्पेसवॉक के दौरान, उन्हें अपने सैनिटरी नैपकिन को बदले बिना लगातार 8 से 10 घंटे तक अपने उपकरण पहनने की जरूरत होगी. ऐसे में, अगर महिला अंतरिक्ष यात्री अपने मासिक धर्म को रोकना चाहती हैं, वे आमतौर पर ओरल गर्भनिरोधक गोलियां खाकर ऐसा करती हैं. पृथ्वी पर, स्टैंडर्ड प्रैक्टिस में लगातार तीन सप्ताह तक गर्भनिरोधक गोली लेना शामिल है, इसके बाद वापसी की अवधि के लिए एक सप्ताह का ब्रेक होता है. हालांकि, जो अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में पीरियड्स नहीं चाहती हैं, उन्हें ब्लीडिंग के सामान्य सप्ताह को छोड़कर, इन गोलियों को लगातार लेने की जरूरत होती है.
ऐसे हुई उनके काम की शुरुआत
योर स्टोरी के मुताबिक, साल 2013 में, एक सम्मेलन के दौरान, डॉ. जैन की मुलाकात एक शोधकर्ता से हुई, जो महिला अंतरिक्ष यात्री के स्वास्थ्य पर केंद्रित था. महिला अंतरिक्ष यात्रियों में ब्लड क्लोटिंग के जोखिम को कम करने के लिए सबसे सुरक्षित टैबलेट के बारे में उनके सवाल ने उन्हें परेशान कर दिया. यह सबतो पता है कि कंबाइन्ड ओरल कॉन्ट्रासेप्टिक (सीओसी) के इस्तेमाल से ब्लड का खतरा दोगुना हो जाता है. इस सवाल ने जैन को इस विषय के बारे में और अधिक स्टडी करने के लिए प्रेरित किया.
साल 2016 में, उन्होंने इस पर शोध करना शुरू किया कि अंतरिक्ष यात्रियों को उनके मासिक धर्म को कम करने के लिए क्या दिया जा रहा है और पाया कि विकल्पों में से एक यह है कि एक महिला हार्मोनल टैबलेट ले सकती है. जिसके बारे में उनका कहना है कि यह शायद "पीरियड्स को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है." लेकिन मिरेना नामक इंट्रा-गर्भाशय हार्मोनल डिवाइस जैसे अन्य विकल्प भी हैं. डॉ. जैन के मुताबिक, मिरेना गर्भ के अंदर रहती है और कॉइल पर मौजूद हार्मोन गर्भाशय की परत को बढ़ने से रोकता है और ब्लीडिंग के भारीपन को कम करता है. लेकिन बहुत सी महिलाओं में, यह उनके पीरियड्स को पूरी तरह से रोक सकता है.
वह कहती हैं कि एक और विकल्प है जिसे लॉन्ग-एक्टिंग रिवर्सिबल कॉन्ट्रासेप्टिव (LARC) कहा जाता है, जो एक हार्मोनल इम्प्लांट है. इसे बांह की त्वचा के नीचे लगाया जाता है और यह धीरे-धीरे मासिक धर्म को रोकने वाले हार्मोन जारी करता है. शुरुआती स्टडी के बाद, जैन ने 48 अंतरिक्ष यात्री फ्लाइट्स पर शोध किया. अंतरिक्ष यात्रा के दौरान महिला अंतरिक्ष यात्रियों में ब्लड क्लोटिंग के खतरे में वृद्धि का कोई सबूत नहीं मिला. महिला अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में अपने पीरियड्स को रोकने के लिए हार्मोनल गर्भनिरोधक ले सकती हैं, लेकिन उनके पास चुनने के लिए दूसरे विकल्प भी होने चाहिए.
करियर के लिए चुनी अलग राह
डॉ वर्षा जैन 17 साल की थीं जब उन्हें एस्ट्रोफिजिक्स और मेडिसिन के बीच अपना करियर चुनना था. उनके माता-पिता एस्ट्रोफिजिक्स को लेकर ज्यादा सहज नहीं थे. हालांकि, उनके सफर में उनके पैरेंट्स ने पूरा साथ दिया. बाद में, उन्होंने लंदन के इंपीरियल कॉलेज में मेडिकल पढ़ने का फैसला किया. 2004 में जब वह अपने मेडिकल स्कूल के दूसरे वर्ष के अंत में थी, तब जैन को स्पेस मेडिसिन के बारे में पता चला.
इस क्षेत्र के बारे में सीखने के बाद, उन्होंने इंटरकॉलेटेड ग्रेजुएशन की डिग्री ली. साल 2007 में, वह नासा जॉनसन स्पेस सेंटर में एक रिसर्च प्लेसमेंट में शामिल हो गईं. इस दौरान, उन्होंने अंतरिक्ष यात्रियों के अंतरिक्ष से लौटने पर उनमें बैलेंस कंट्रोल मैकेनिज्म के बारे में रिसर्च की. 2011 से 2012 तक, उन्होंने किंग्स कॉलेज, लंदन से अंतरिक्ष शरीर विज्ञान और स्वास्थ्य में मास्टर डिग्री हासिल की, जिसके बाद वह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के साथ काम कर रही हैं और प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में अभ्यास कर रही हैं.