
हत्या के आरोप में जेल बंद मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल की दिनचर्या और उनकी नशे की लत छुड़ाने की प्रक्रिया को लेकर जेल प्रशासन ने अहम जानकारी साझा की है. वरिष्ठ जिला अधीक्षक डॉ. वीरेश के अनुसार, जेल में आने वाले हर नए बंदी का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है. इसी प्रक्रिया के तहत जब मुस्कान और साहिल की जांच की गई, तो पता चला कि वे नशे के आदी हैं. दोनों को नशा मुक्ति के लिए दवाइयां दी जा रही हैं. इसके अलावा, काउंसलिंग और ध्यान जैसी तकनीकों के माध्यम से भी उन्हें इस लत से दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. प्रशासन को उम्मीद है कि 10 से 15 दिनों में उनकी हालत काफी हद तक सामान्य हो जाएगी.
क्या होते हैं ड्रग विड्रॉल सिम्पटम्स
फिलहाल मुस्कान और साहिल ड्रग विड्रॉल सिम्पटम्स से जूझ रहे हैं. दोनों ने खाना पीना भी छोड़ दिया है और उन्हें नींद आने में भी परेशानी हो रही है. दरअसल ड्रग छोड़ने के बाद कुछ लोगों के शरीर में कुछ ऐसे बदलाव होने लगते हैं, जो पहले कभी उन्हें महसूस नहीं होते. इसे ही ड्रग विड्रॉल सिम्पटम्स कहते हैं! इसमें कुछ लोगों को नींद नहीं आती. हाथ कांपते हैं. ठंड में भी पसीना आता है. घबराहट होती है.
मुस्कान ने मांगा सरकारी वकील
मुस्कान ने जेल प्रशासन के सामने यह अनुरोध किया कि उसे अपना केस लड़ने के लिए एक सरकारी वकील दिया जाए. उसके परिवार का कोई भी सदस्य अब तक उससे मिलने नहीं आया है और न ही कोई कानूनी सहायता उपलब्ध कराई गई है. ऐसे में जेल प्रशासन ने नियमों के तहत उसकी मांग पर विचार किया और न्यायालय में प्रार्थना पत्र भेज दिया, ताकि उसे एक सरकारी वकील मिल सके. जेल प्रशासन का कहना है कि किसी भी बंदी को कानूनी सहायता दिलाना उनका दायित्व है, और यदि कोई आधिकारिक रूप से सरकारी वकील की मांग करता है, तो उसे यह सुविधा दी जाती है.
जेल में साथ रहना चाहते थे मुस्कान और साहिल
शुरुआती दिनों में मुस्कान और साहिल दोनों डरे हुए थे और साथ रहने की इच्छा जता रहे थे, लेकिन जेल नियमों के तहत महिला और पुरुष बंदियों को अलग-अलग रखा जाता है. इसलिए उनकी यह मांग स्वीकार नहीं की गई. जेल के नियमों के अनुसार, नए बंदियों से पहले 10 दिनों तक कोई कार्य नहीं कराया जाता. इसके बाद, यदि वे चाहें, तो जेल की दिनचर्या में शामिल हो सकते हैं.
खाने पीने में हो रही परेशानी
चिकित्सकों के अनुसार, नशे की लत के कारण मुस्कान और साहिल को खाने-पीने में भी परेशानी हो रही थी, लेकिन जैसे-जैसे दवाइयों का असर हो रहा है, उनकी स्थिति में सुधार देखने को मिल रहा है. शुरू में दोनों बहुत खामोश थे, लेकिन अब उनकी बातचीत में थोड़ी सहजता आई है.
मुस्कान के पिता ने दावा किया था कि साहिल ने मुस्कान को सौरभ की हत्या के लिए उकसाया था क्योंकि दोनों मिलकर ड्रग्स का सेवन करते थे. इसके चलते उन्हें बेचैनी की समस्या हो रही है और रात को नींद भी नहीं आ रही है. जेल प्रशासन का कहना है कि यदि जरूरत पड़ी, तो मेडिकल कॉलेज के माध्यम से मनोचिकित्सक की भी व्यवस्था की जाएगी. अब तक मुस्कान और साहिल के परिवार का कोई भी सदस्य उनसे मिलने नहीं आया है. यहां तक कि मुस्कान ने अपनी बेटी को भी याद नहीं किया है. जेल प्रशासन पूरी सुरक्षा के साथ-साथ चिकित्सा व्यवस्था का भी ध्यान रख रहा है, ताकि दोनों कैदी सामान्य जीवन की ओर लौट सकें.
3 मार्च को की गई थी सौरभ की हत्या
मेरठ में 3 मार्च को दोनों ने मिलकर सौरभ को खाने में नशीली गोली दी और जब वह बेहोश हो गया, तो मुस्कान ने साहिल का हाथ पकड़कर उसके सीने में चिकन काटने वाले चाकू से वार कर दिया.पुलिस जांच में सामने आया कि हत्या के बाद दोनों शव को ड्रम में बंद कर घर में ही छिपा गए और खुद मनाली, कसोल और शिमला घूमने निकल गए। इस दौरान मुस्कान ने अपने माता-पिता को बैंक से पैसे निकालने के लिए मदद मांगी और तब पूरे मामले का खुलासा हुआ.