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Health Tips for Eye Care: जानिए एडल्ट्स के लिए क्या है सही स्क्रीन टाइम, ऐसे रखें अपनी आंखों का ख्याल

आज के जमाने में बिना मोबाइल, लैपटॉप या टीवी के हम अपना दिन पूरा नहीं कर सकते हैं. एक दिन के लिए भी स्क्रीन न देखें तो बहुत कुछ मिसिंग लगने लगता है. लेकिन क्या आपको पता है कि आपका ज्यादा स्क्रीन टाइम आपकी आंखों की सेहत के लिए हानिकारक है.

Eye Care Tips Eye Care Tips
हाइलाइट्स
  • 20-20-20 नियम का पालन करें 

  • 10-10-10 नियम करें प्रैक्टिस  

आज के डिजिटल युग में हम बिना स्क्रीन के अपनी दुनिया की कल्पना ही नहीं कर सकते हैं. स्क्रीन हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है. चाहे वह काम के लिए हो, मनोरंजन के लिए हो, या अपने परिवार के साथ जुड़े रहने के लिए हो, हम ज्यादातर समय स्क्रीन के सामने बिताते हैं. इस बात में कोई शक नहीं है कि तकनीक ने हमारे रहने और काम करने के तरीके में बदलाव लाया है लेकिन बहुत ज्यादा समय तक स्क्रीन देखना हमारी आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है. 

ज्यादा स्क्रीन टाइम से हमारी आंखों में की तरह की परेशानी हो सकती है. यह हमारे पूरे स्वास्थ्य के लिए ही अच्छी नहीं है. 

आंखों पर तनाव: लंबे समय तक स्क्रीन पर रहने से आंखों पर तनाव पड़ सकता है, जिसमें आंखों में दर्द, सूखापन, खुजली और जलन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. यह मुश्किल अक्सर खराब रोशनी, चकाचौंध और अनुचित स्क्रीन सेटिंग्स जैसे कारकों से बढ़ जाती है.

सूखी आंखें: स्क्रीन पर घूरने से पलकें झपकाने की प्राकृतिक प्रवृत्ति कम हो जाती है, जिससे आंसू बनना कम हो जाता है और आंखें सूखने लगती हैं. सूखी आंखों के लक्षणों में लालिमा, जलन और आंखों में कुछ किरकिरा महसूस होना शामिल है. यह लंबे समय तक स्क्रीन के उपयोग के दौरान और बाद में हो सकती है. 

ब्लर विजन (धुंधलापन होना): लंबे समय तक स्क्रीन पर देखने से कभी-कभी आंखों में धुंधलापन हो सकता है. जिससे वस्तुओं को करीब और दूर दोनों जगह स्पष्ट रूप से देखना मुश्किल हो जाता है. इसे डिजिटल आई स्ट्रेन-इंड्यूस्ड मायोपिया के रूप में जाना जाता है. आमतौर पर यह आराम करने और स्क्रीन से ब्रेक लेने से ठीक हो जाता है. 

सिरदर्द: आंखों का तनाव आमतौर पर सिरदर्द, विशेष रूप से टेंशन सिरदर्द और माइग्रेन से जुड़ा होता है. आंखों में होने वाला डिस्कंफर्ट और तनाव सिरदर्द को ट्रिगर कर सकता है, जो स्क्रीन समय कम करने के बाद भी बना रह सकता है. 

गर्दन और कंधे में दर्द: स्क्रीन पर देखते समय एक ही पोजिशन में बैठे रहने से गर्दन और कंधे में दर्द, साथ ही स्टिफनेस और मसल स्ट्रेन हो सकता है. खराब एर्गोनॉमिक्स और लंबे समय तक स्क्रीन का उपयोग इन मस्कुलोस्केलेटल समस्याओं का कारण बनत है, जो आंखों के तनाव और परेशानी को बढ़ा सकता है. 

ब्लू लाइट एक्सपोज़र: स्क्रीन हाई-एनर्जी वाली ब्लू लाइट का उत्सर्जन करती है, जो नींद के पैटर्न को बिगाड़ सकती है. यह ब्लू लाइट आंखों के तनाव और रेटिना को भी नुकसान पहुंचती है. ब्लू लाइट के लंबे समय तक संपर्क में रहना, खासकर शाम के समय, शरीर की नेचुरल सर्कैडियन रिदम को डिस्टर्ब कर सकता है और नींद में खलल डाल सकता है. 

आंखों की बीमारी बढ़ना: लंबे समय तक ज्यादा स्क्रीन उपयोग से कुछ आंखों की स्थितियों, जैसे उम्र से संबंधित मैक्यूलर डीजेनरेशन (AMD), मोतियाबिंद और रेटिना क्षति के विकास का खतरा बढ़ सकता है. स्क्रीन समय को कम करने और अच्छी स्क्रीन आदतें अपनाने से इन जोखिमों को कम करने में मदद मिल सकती है. 

स्क्रीन टाइम से संबंधित सही आदतें अपनाकर आप आंखों को सुरक्षित रख सकते हैं. आज हम आपको बता रहे हैं कुछ Eye Care Tips:

20-20-20 नियम का पालन करें 
आंखों के तनाव को कम करने के सबसे सरल लेकिन सबसे प्रभावी तरीकों में से एक 20-20-20 नियम का पालन करना है. हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए रुकें और 20 फीट दूर किसी और वस्तु पर ध्यान केंद्रित करें. यह छोटा सा विराम आपकी आंखों को आराम और फिर से ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है, जिससे लंबे समय तक स्क्रीन पर देखने से होने वाला तनाव कम हो जाता है. 

स्क्रीन सेटिंग्स एडजस्ट करें: 
आंखों का तनाव कम करने के लिए अपनी स्क्रीन सेटिंग्स एडजस्ट करें. ब्राइटनेस और कंट्रास्ट लेवल को ऐसे एडजस्ट करें कि स्क्रीन न तो बहुत ब्राइट हो और न ही बहुत डिम. इसके अतिरिक्त, नाइट मोड या ब्लू लाइट फिल्टर जैसे फीचर्स को इनेबल कर सकते हैं. ये स्क्रीन से आने वाली हानिकारक ब्लू लाइट के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं, खासकर शाम के समय.  

सही पोस्चर बनाकर रखें 
खराब पोस्चर से आंखों पर तनाव बढ़ सकता है और असुविधा हो सकती है. सुनिश्चित करें कि आपकी स्क्रीन आंखों के स्तर पर और आपके चेहरे से एक हाथ की दूरी पर हो. अपने पैरों को फर्श पर सपाट करके सीधे बैठें और पूरे दिन अपनी पोस्चर को स्ट्रेच और एडजस्ट करने के लिए नियमित ब्रेक लें. 

बार-बार झपकें पलकें 
लंबे समय तक स्क्रीन पर देखने से पलकें कम झपकने से आंखें शुष्क हो सकती हैं. अपनी आंखों में नमी बनाए रखने और सूखेपन से बचने के लिए नियमित रूप से पलकें झपकाने का प्रयास करें. सूखेपन को कम करने के लिए कृत्रिम आंसू या चिकनाई वाली आई ड्रॉप का उपयोग कर सकते हैं, खासकर अगर आपको ड्राई आंखों के लक्षण दिख रहे हैं तो जरूर एक्सपर्ट से कंसल्ट करें. 

10-10-10 नियम करें प्रैक्टिस  
20-20-20 नियम के अलावा, 10-10-10 नियम को अपने स्क्रीन टाइम रूटीन में शामिल करें. हर 10 मिनट में 10 सेकंड का ब्रेक लेकर अपनी आंखें बंद करें या 10 सेकंड के लिए तेजी से पलकें झपकाएं. यह एक्सरसाइज आंखों की थकान को रोकने और पूरे दिन आंखों को हेल्दी बनाए रखने में मदद कर सकती है. 

नियमित ब्रेक लें 
स्क्रीन टाइम से नियमित ब्रेक लेकर अपनी आंखों को बहुत जरूरी आराम दें. अपने दिन भर में समय-समय पर ब्रेक शेड्यूल करने के लिए रिमाइंडर सेट करें. इन ब्रेक में स्क्रीन से दूर हो जाएं और स्ट्रेच करें. आप छोटी सी वॉक कर सकते हैं या फिर डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज भी कर सकते हैं.