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Expert Talk: कभी मजे के लिए तो कभी स्ट्रेस में 'चीजें उठा लेना', क्लेप्टोमेनिया चोरी नहीं साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर है

क्लेप्टोमेनिया एक तरह का साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर है इसमें लोग बेवजह चीजें चुरा लेते हैं..इस बीमारी में लोग बिना लालच और जरूरत के चीजें चुराते हैं. क्लेप्टोमेनिया को लेकर GNT ने सीनियर साइकोलॉजिस्ट मोनिका शर्मा से बात की. 

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हाइलाइट्स
  • क्लेप्टोमेनिया चोरी नहीं साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर है

  • ये वस्तुएं आवश्यकता या मूल्य के कारण नहीं चुराई जातीं. 

अमेजन प्राइम वीडियो पर एक सीरीज आई है. दुपहिया. गजराज राव स्टारर इस सीरीज में क्लेप्टोमेनिया पर बात की गई है. सीरीज के एक कैरेक्टर को छोटी-मोटी चोरियां करने का शौक है. और इस वजह से जब लोग उसे चोर बुलाते हैं तो उसे अच्छा नहीं लगता. उसका मानना है कि उसने मजे के लिए चोरियां की. 

क्लेप्टोमेनिया एक तरह का साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर है इसमें लोग बेवजह चीजें चुरा लेते हैं..इस बीमारी में लोग बिना लालच और जरूरत के चीजें चुराते हैं. क्लेप्टोमेनिया को लेकर GNT ने सीनियर साइकोलॉजिस्ट मोनिका शर्मा से बात की. मोनिका शर्मा इस फील्ड में 20 साल से जुड़ी हुई हैं.  

सवाल: क्लेप्टोमेनिया क्या है?
क्लेप्टोमेनिया मेंटल हेल्थ से जुड़ा डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति को ऐसी चीजें चुराने का मन होता है जिनकी उसे सामान्य रूप से जरूरत भी नहीं होती. इस डिसऑर्डर से पीड़ित लोग अपनी इच्छा पर काम न करने की कोशिश कर सकते हैं और कई लोग चोरी करने के लिए अपराध बोध महसूस करते हैं. लेकिन वे इसे कंट्रोल नहीं कर पाते. यह एक तरह का इम्पल्स कंट्रोल डिसऑर्डर है.

क्लेप्टोमैनिया किसके कारण होता है?
क्लेप्टोमेनिया के मुख्य कारणों में से एक ब्रेन केमेस्ट्री से जुड़ा हुआ है. सेरोटोनिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर की कमी अक्सर क्लेप्टोमेनिया डिसऑर्डर से जुड़ी होती है. सेरोटोनिन मूड और भावनाओं को नियंत्रित करने में मदद करता है. क्लेप्टोमेनिया से पीड़ित लोगों में मस्तिष्क की संरचना में अंतर होने की संभावना ज्यादा होती है. खासकर उन क्षेत्रों में जो आवेग और अवरोध को नियंत्रित करते हैं.

कई बार यह एंग्जाइटी, डिप्रेशन, खान-पान संबंधी विकार, एडीक्शन या अत्यधिक शराब के सेवन संबंधी विकारों के कारण होता है. कुछ मामलों में चोरी करने से लोगों में डोपामाइन रिलीज होता है. दरअसल डोपामाइन दिमाग में मौजूद एक हार्मोन है, जो कि एक न्यूरोट्रांसमीटर की तरह काम करता है. डोपामाइन सुखद एहसास पैदा करता है और कुछ लोग इस सुखद एहसास को बार-बार पाना चाहते हैं इसलिए अगर उन्हें चोरी करने में खुशी होती है तो वे चोरी करते हैं.

मोनिका शर्मा

ऑफिस से पेन पेपर, होटल से साबुन, चप्पल चुराते हैं लोग? तो क्या इसे भी क्लेप्टोमेनिया कहा जा सकता है?
ज़्यादातर मामलों में दफ्तर से पेन, कागज या होटल से साबुन, शैम्पू या चप्पल चुराना क्लेप्टोमेनिया है. ये चीजें ज्यादा कीमती नहीं होतीं और ऐसी छोटी-छोटी चीजों को चुराकर अपनी छवि को जोखिम में डालना या नैतिकता को दरकिनार करना क्लेप्टोमेनिया का साफ संकेत है.

Kleptomania के Symptoms क्या हैं.. या इनकी पहचान कैसे कर सकते हैं
क्लेप्टोमेनिया का मुख्य लक्षण यह है कि व्यक्ति में वस्तुओं या चीजों को चुराने की दिली इच्छा होती है.

ये वस्तुएं आवश्यकता या मूल्य के कारण नहीं चुराई जातीं. 

चोरी करने से पहले व्यक्ति को तनाव महसूस होता है, उसके तुरंत बाद उसे खुशी, राहत या अन्य सकारात्मक भावनाएं महसूस होती हैं.

एक बार जब सकारात्मक भावनाएं खत्म हो जाती हैं, तो क्लेप्टोमेनिया से पीड़ित अधिकांश लोग अपराधबोध, शर्म या अफसोस महसूस करते हैं.

कुछ लोग चोरी किए गए सामान को फेंक देते हैं या उन्हें दान में दे देते हैं. 

चोरी की कोई योजना नहीं होती और क्लेप्टोमेनिया से पीड़ित व्यक्ति इसे अकेले ही करता है. क्लेप्टोमेनिया विकार से पीड़ित लोग इसे अपने जीवनसाथी और अन्य करीबी लोगों से भी गुप्त रखते हैं.

क्लेप्टोमेनिया

क्लेप्टोमानिया का इलाज कई तरह से किया जाता है.

मनोचिकित्सा: इसमें आम तौर पर किसी व्यक्ति को यह समझाने में मदद करना शामिल है कि वे कुछ खास चीजें क्यों करते हैं और फिर उन्हें उन व्यवहारों को बदलने या उनसे बचने के तरीके विकसित करने में मदद करना. 

दवाओं के जरिए: opioid antagonists फर्स्ट लाइन ट्रीटमेंट में से एक है. ये दवाएं चोरी करते समय व्यक्ति द्वारा महसूस की जाने वाली सकारात्मक भावनाओं को अवरुद्ध करती हैं, जो व्यक्ति को चोरी करने की इच्छा का विरोध करने में मदद कर सकती हैं. इसके अलावा एंटीडिप्रेसेंट और एंटी-सीज़र दवाओं के जरिए भी इलाज किया जाता है.