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Covid-19: भारत में बढ़ रहे कोरोना के मामले के लिए जिम्मेदार है Arcturus वायरस...नए वैरिएंट में दिख रहे कंजंक्टिवाइटिस जैसे लक्षण

भारत समेत दुनिया के कई देशों में कोविड के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं. कोरोना के नए वेरिएंट XBB.1.16 को वायरस के मामलों में इजाफा होने का कारण माना जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी इस स्ट्रेन की काफी समय से निगरानी कर रहा हैं

Coronavirus Coronavirus

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)कोविड के नए वैरिएंट पर बराबर नजर बनाए हुए है. ये बच्चों में फैल रहा एक नया कोविड वैरिएंट जो शायद किसी अन्य ओमिक्रॉन सब वेरिएंट से पैदा हुआ है. Arcturus के नाम से जाना जाने वाली वैरिएंट XBB.1.16 अमेरिका, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों में बड़ी तेजी से फैल रहा है.

WHO ने मार्च के अंत में XBB.1.16 को "वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग" घोषित करते हुए कहा कि यह अभी तक का सबसे ट्रांसमिसिबल वैरिएंट है. WHO की कोविड टेक्निकल लीड मारिया वैन केरखोव ने कहा, XBB.1.16 वैरिएंट को विश्व स्वास्थ्य निकाय द्वारा "वन टू वॉच" माना गया है. एक बाल रोग विशेषज्ञ और टीकाकरण पर इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स कमेटी के पूर्व प्रमुख डॉ. विपिन वशिष्ठ ने बताया कि तेज बुखार, खांसी और itchy कंजक्टिवाइटिस या गुलाबी आँख वैरिएंट के लक्षणों में शामिल हैं. 

आरटीआई इंटरनेशनल में एक संक्रामक रोग महामारी विशेषज्ञ रिचर्ड रीथिंगर ने फॉर्च्यून को बताया कि शायद यह बताना जल्दबाजी होगी कि क्या वायरस के लक्षण जो सेट किए गए थे वास्तव में स्थानांतरित हो गए हैं. इस बार कंजंक्टिवाइटिस को कोविड लक्षण के रूप में बताया गया है. ये वैक्सीन या नेचुरलइम्यूनिटी को बाइपास कर सकता है. भारत में कोविड केस बढ़ने के पीछे यही वेरिएंट जिम्मेदार है.

क्या हैं इसके लक्षण?
नेब्रास्का मेडिसिन के ट्रूह्लसेन आई इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने भी इसकी पहचान आंख में दिक्कत करने वाले वायरस के तौर पर की है, जो पहले कंजंक्टिवाइटिस का कारण बन सकता है. संस्थान के अनुसार आंखों का फटना या पानी आना, लालिमा, सूजन, दर्द या जलन, खुजली, डिस्चार्ज कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण हैं. टोक्यो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अध्ययन ने सुझाव दिया कि एक्सबीबी.1.16 वेरिएंट XBB.1 और XBB.1.5 की तुलना में लगभग 1.17 से 1.27 गुना फैलता है. यही कारण है कि यह निकट भविष्य में दुनिया भर में फैल जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी संक्रामक क्षमता काफी अधिक है. साथ ही संक्रामकता दर भी अन्य वेरिएंट की तुलना में ज्यादा है. हालांकि इसके लक्षण केवल फ्लू जैसे ही हैं. वायरस की वजह से लंग्स इंफेक्शन के मामले न के बराबर ही हैं.

अधिक तेजी से फैलता है
राज राजनारायणन, अनुसंधान के सहायक डीन और न्यूयॉर्क इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एसोसिएट प्रोफेसर ने फॉर्च्यून को बताया कि XBB.1.16 और इसके वंशजों के पास अन्य कोविड वेरिएंट के मुकाबले फैलने के लिए ज्यादा एनर्जी है और ये बहुत जल्दी विकसित होते हैं. XBB.1.16 BA.2 के दो सब वैरिएंट का एक रिकॉम्बिनेशन है. टोक्यो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के एक प्री प्रिंट अध्ययन ने सुझाव दिया कि वैरिएंट XBB.1 और XBB.1.5 की तुलना में लगभग 1.17 से 1.27 गुना अधिक कुशलता से फैलता है. यही कारण है कि यह निकट भविष्य में दुनिया भर में फैल जाएगा क्योंकि यह अन्य कोविड वैरिएंट से काफी मजबूत भी है.